यूपी: सपा-कांग्रेस में गठबंधन तय, रालोद से अटका
प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व रालोद के बीच होने वाले महागठबंधन में सीटों लेकर पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस सपा द्वारा आफर की गई 90 सीटों के बजाए 110 सीटों मांग रही है। उधर राष्ट्
प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस व रालोद के बीच होने वाले महागठबंधन में सीटों लेकर पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस सपा द्वारा आफर की गई 90 सीटों के बजाए 110 सीटों मांग रही है।
उधर राष्ट्रीय लोकदल को गठबंधन में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ है। सपा ने अभी तक रालोद से इस मुद्दे पर बात नहीं की है, पर कांग्रेस द्वारा उसे गठबंधन में शामिल करने पर रालोद को भी कम से कम 20 तो देनी पड़ेगी। सपा चाह रही है कि कांग्रेस व रालोद दोनों को अधिकतम 110 सीटें दे दी जाएं। सपा को चार छह सीटें तो दूसरे छोटे दलों को देनी होंगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महागठबंधन का स्वरूप तय करने का काम खुद अपने हाथ में ले रखा है। उन्होंने बुधवार को अपने आवास पर गठबंधन को लेकर अपनी तय सीटों पर दावेदारों के नाम पर विचार किया। मुख्यमंत्री के साथ सपा महासचिव रामगोपाल, नरेश अग्रवाल, लोकसभा सदस्य धर्मेंद्र यादव, एमएलसी एसआरएस यादव ने कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों पर होमवर्क किया। इसमें सबसे ज्यादा जोर प्रथम चरण चुनाव वाली सीटों पर है। कांग्रेस को सौ सीट से कम पर तैयार करने के लिए सपा को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
रालोद से फिलहाल हमारी अभी कोई बात नहीं: किरनमय नंदा
सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि हम लोगों की रालोद से अभी तक गठबंधन को लेकर बात नहीं हुई है। कांग्रेस ही इस पर बात करेगी। सीटों की जहां तक बात है तो मोटे तौर पर सपा व कांग्रेस दोनों दल अपनी-अपनी सीटिंग सीट पर लड़ेंगे। नंबर दो की सीटों पर यह बंटवारे में देखा जाएगा कि कौन भाजपा व बसपा को हरा सकता है। कुछ सीटों को लेकर अलग से बात कर रास्ता निकाल लिया जाएगा।
यूपी: सपा-कांग्रेस में गठबंधन तय, रालोद से अटका
गायत्री प्रजापति अमिता सिंह, अपर्णा यादव की सीट को लेकर पेंच
गायत्री प्रजापति ने पिछले चुनाव में कांग्रेस का गढ़ अमेठी फतेह कर यह सीट सपा की झोली में डाली थी। यहां से कांग्रेस की नेता व पूर्व मंत्री अमिता सिंह का दावा है। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने जो 38 प्रत्याशियों की सूची दी है, उसमें गायत्री प्रजापति का भी नाम है। मुलायम चाहते हैं कि गायत्री हर हाल में अमेठी से चुनाव लड़ें। कांग्रेस को समझाने का काम अखिलेश यादव को करना है। इसके लिए रास्ता निकाला गया है कि कांग्रेस की अमिता सिंह को लखनऊ की किसी सीट से लड़ाया जाए।
ऐसा ही हाल लखनऊ की कैंट सीट पर है। कांग्रेस अपनी सीटिंग सीट तभी छोड़ सकती है जब सपा अमेठी की अपनी सीट छोड़े। पेंच यह है कि मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से पहले से ही प्रत्याशी हैं और काफी से वक्त से अपने प्रचार अभियान में जुटी हैं। ऐसे में कांग्रेस को यह सीट दिया जाना मुश्किल है। इस बात की संभावना है कि सपा लखनऊ की कोई दूसरी सीट कांग्रेस को दे दे।
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