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UGC का आदेश: अब हर तीसरे साल बदलेंगे विश्वविद्यालयों के कोर्स

विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम अब हर तीसरे साल बदलेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य पाठ्यक्रम को कौशल उन्मुख और अत:विषयीय बनाना होगा ताकि पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थी डिग्री लेकर न घूमें। वे किसी न किसी...

UGC का आदेश: अब हर तीसरे साल बदलेंगे विश्वविद्यालयों के कोर्स
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Mar 2017 01:39 PM
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विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम अब हर तीसरे साल बदलेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य पाठ्यक्रम को कौशल उन्मुख और अत:विषयीय बनाना होगा ताकि पढ़ाई पूरी करने के बाद विद्यार्थी डिग्री लेकर न घूमें। वे किसी न किसी रोजगार से जुड़ जाएं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. जसपाल एस संधू ने सभी कुलपतियों को इस आशय का पत्र भेजा है।

सभी कुलपतियों को भेजा प्रोफार्मा

सचिव ने पत्र के साथ एक प्रोफार्मा भी भेजा है, जिस पर सभी कुलपतियों को पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव का विभागवार ब्योरा भेजना है। यह जानकारी 15 दिन के भीतर देनी है। सचिव का कहना है कि इस सूचना के आधार पर यूजीसी द्वारा पाठ्यक्रम में हुए बदलाव का एक डेटा बेस तैयार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री के साथ विषय पर हुई थी चर्चा

दरअसल, शिक्षा और समाज विकास से जुड़े कैबिनेट सचिवों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले दिनों हुई बैठक में विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को लेकर चर्चा हुई थी।बैठक में विश्व विकास की गति में तेजी से हो रहे बदलाव, तकनीकी में हो रहे नित नए परिवर्तन को देखते हुए पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने और हर तीन साल पर इसमें बदलाव करने पर सहमति बनी थी।

कौशल उन्मुख होना चाहिए कोर्स

सचिवों का मानना था कि विश्वविद्यालयस्तर पर पाठ्यक्रम कौशल उन्मुख और अंत:विषयीय होना चाहिए ताकि डिग्री पूरी करने के बाद विद्यार्थी किसी न किसी रोजगार से जुड़ सके। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से यूजीसी को पत्र लिख कैबिनेट सचिवों के विचारों से अवगत कराया गया था। इसी का हवाला देते हुए यूजीसी सचिव ने कुलपतियों को हर तीन साल पर पाठ्यक्रम की समीक्षा कर बदलाव करने को कहा है।

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