नाम: मुलायम सिंह यादव पार्टी नाम: समाजवादी पार्टी
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री व केंद्र सरकार में एक बार रक्षा मंत्री रह चुके हैं। उनका जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ति देवी व सुधर सिंह के घर हुआ। राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम०ए०) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बीटी करने के बाद कुछ दिनों तक इन्टर कालेज में अध्यापन कार्य भी कर चुके हैं।
अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह ने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से ही अपना राजनीतिक सफर आरम्भ किया था।
मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मंत्री बने। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।
पांच भाइयों में तीसरे नंबर के मुलायम सिंह के दो विवाह हुए हैं। पहली शादी मालती देवी के साथ हुई। मालती देवी के साथ विवाह में रहते हुए ही मुलायम ने साधना गुप्ता से भी विवाह किया। अखिलेश यादव मालती देवी के बेटे हैं। जबकि प्रतीक यादव दूसरी पत्नी साधना के बेटे हैं।
अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह ने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से ही अपना राजनीतिक सफर आरम्भ किया था।
मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मंत्री बने। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे। इसके अतिरिक्त वे केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।
पांच भाइयों में तीसरे नंबर के मुलायम सिंह के दो विवाह हुए हैं। पहली शादी मालती देवी के साथ हुई। मालती देवी के साथ विवाह में रहते हुए ही मुलायम ने साधना गुप्ता से भी विवाह किया। अखिलेश यादव मालती देवी के बेटे हैं। जबकि प्रतीक यादव दूसरी पत्नी साधना के बेटे हैं।
पार्टी खबर
पार्टी को जाने
चुनावी समीक्षा
- त्वरित टिप्पणी: चुनाव सिर्फ प्रचार के बुखार से नहीं जीते जाते बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को फिलहाल किसी बड़े बदलाव की शुरुआत मानना शायद गलत होगा। तत्काल तो कुछ भी नहीं बदलने वाला।
- विश्लेषण: दो विकास पुरुषों पर लगा दांव बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान बृहस्पतिवार को पूरा हो गया। रविवार को साफ हो जाएगा कि सत्ता में बदलाव होगा या राज्य के 34वें मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार की कमान संभालेंगे।