पार्टी: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी का इतिहास तीन हिस्सों में बांटा हैः
भारतीय जन संघ
इसकी स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की। पार्टी को पहले आम चुनाव में कोई ख़ास सफलता नहीं मिली लेकिन इसे पहचान जरूर मिली। भारतीय जन संघ ने शुरू से ही कश्मीर की एकता, गौ रक्षा, ज़मींदारी प्रथा और परमिट-लाइसेंस-कोटा राज ख़त्म करने जैसे मुद्दों पर ज़ोर दिया। 1975 में आपातकाल के दौरान दूसरी विपक्षी पार्टियों की तरह जन संघ के भी हज़ारों कार्यकर्ता और नेता जेल गए।
जनता पार्टी
1977 में आपातकाल की समाप्ति के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस की हार हुई। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और भारतीय जन संघ के अटल बिहारी वाजपेयी को विदेश मंत्री और लालकृष्ण आडवाणी को सूचना और प्रसारण मंत्री बनाया गया। लेकिन आपसी गुटबाज़ी और लड़ाई की वजह से ये सरकार 30 महीनों में ही गिर गई।
भारतीय जनता पार्टी
1980 के चुनावों में विभाजित जनता पार्टी की हार हुई। भारतीय जन संघ जनता पार्टी से अलग हुआ और इसने अपना नाम बदल कर भारतीय जनता पार्टी रख लिया। अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी इसके अध्यक्ष बने। भाजपा ने बोफ़ोर्स तोप सौदे को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को घेरा। 1989 के चुनावों में भाजपा ने विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल से सीटों का तालमेल किया। इन चुनावों में भाजपा ने लोकसभा में अपने सदस्यों की संख्या1984 में दो से बढ़ाकर 89 तक पहुंचाई। विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार को भाजपा ने बाहर से बिना शर्त समर्थन दिया। बाद में पार्टी नेताओं ने अपने इस फ़ैसले को अनुचित भी ठहराया।
चुनाव चिह्न्: कमल
पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्षः अमित शाह
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्षः केशव प्रसाद मौर्य
यूपी भाजपा के बड़े चेहरेः
राजनाथ सिंह (केंद्रीय गृहमंत्री)
कलराज मिश्रा (केंद्रीय मंत्री)
योगी आदित्यनाथ (गोरखपुर सांसद)
वरुण गांधी (सुल्तानपुर सांसद)
मेनका गांधी (पीलीभीत सांसद)
मनोज सिन्हा (गाजीपुर सांसद)
महेश शर्मा (नोएडा सांसद)
वीके सिंह (गाजियाबाद सांसद)
सत्पाल सिंह (बागपत सांसद)
संगीत सोम (सरधना विधायक)
पार्टी का पताः 7, Vidhan Sabha Marg, Lucknow, India
फेसबुक पेजः https://www.facebook.com/BJP4UP
ट्विटर पेजः @BJP4UP
भाजपा लाइव टीवीः http://www.bjp.org/bjplive
आधिकारिक वेबसाइटः www.bjp.org, www.up.bjp.org
ईमेल संपर्कः bjp.org@rediffmail.com, mpbjp72@gmail.com
भारतीय जनता पार्टी का उदय 1980 में हुआ। इससे पहले 1977 से 1979 तक इसे जनता पार्टी और उससे भी पहले1951 से 1977 तक भारतीय जन संघ के नाम से जाना जाता रहा था। भाजपा को हिंदुत्व की अवधारणा पर चलने के कारण राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ या आरएसएस की राजनीतिक इकाई भी कहा जाता है।
पार्टी को जाने
चुनावी समीक्षा
- अब भी मुख्यधारा से दूर हैं UP के दलितः वरुण गांधी छुआछूत का पारंपरिक दोष आज भी हमारे समाज में कायम है। अब भी इसकी जडे़ं गहरी हैं। अलग-अलग श्रेणियों व पायदानों के बहाने समाज के लाखों लोगों को उन कामों में रमने को मजबूर किया गया।
- वाम दलों के पास यूपी के मध्यम वर्ग लायक कोई ब्लू प्रिंट नहीं आजादी के बाद यूपी में पैदा हुए मध्यवर्ग की प्रकृति और उसकी राजनीतिक-बौद्धिक-पेशेवर क्षमताओं को समझने व उनके अनुकूल अपने क्रांतिकारी औजारों को निर्मित करने में वाम पूरी तरह असमर्थ रहा है।