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मथुरा के युवा इंजीनियर ने बनाई चांद पर चलने वाली बग्घी

आटा चक्की चलाने वाले के बेटे की बौद्धिक क्षमता और तकनीकी कौशल अब विश्व स्तर पर प्रदर्शित होंगे। अमेरिका में नासा के द्वारा आयोजित होने वाली प्रतियोगिता ‘नासा ह्यूमन एकस्प्लोरेशन रोवर चैलेंज में भारत...

मथुरा के युवा इंजीनियर ने बनाई चांद पर चलने वाली बग्घी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Feb 2017 07:11 PM
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आटा चक्की चलाने वाले के बेटे की बौद्धिक क्षमता और तकनीकी कौशल अब विश्व स्तर पर प्रदर्शित होंगे। अमेरिका में नासा के द्वारा आयोजित होने वाली प्रतियोगिता ‘नासा ह्यूमन एकस्प्लोरेशन रोवर चैलेंज में भारत से भाग लेने वाली सात सदस्यीय टीम में मथुरा का एक युवा इंजीनियर भी शामिल है। इस युवा ने एक ऐसा रोवर (बग्गी) बनाया हैं, जो चांद या अन्य ग्रहों की सतह पर चलने को अंतरिक्ष यात्रियों की मदद कर सकता है।

बालाजीपुरम निवासी एयरोनॉटिकल इंजीनियर शशिकांत भारद्वाज ने प्रतियोगिता को एक ऐसी मून बग्घी का निर्माण किया गया है, जो चांद की सतह पर चलने में सक्षम है। नासा रोवर चैलेंज के तहत प्रतिभागी छात्र दल को मानवयुक्त रोवर को ऐसी सतह और वातावरण में चलाना होगा, जो सुदूर ग्रहों और उपग्रहों पर होते हैं। इस छात्र दल को अवरोधक से भरी एक चौथाई मील लंबी दूरी को जल्द से जल्द पूरा करना होगा।

इसी अभियान के लिए मून बग्घी का निर्माण किया गया है। युवा इंजीनियर शशिकांत ने बताया कि इस बग्घी की खासियत यह है कि यह फोल्ड हो जाती है। नासा के नियम के अनुसार इसे पांच बाई पांच बाई पांच फीट के बक्से में रखा जा सकता है। स्पेस डेवलपमेंट नेक्सस के निर्देशन और मार्गदर्शन में इस रोवर को बनाया गया है। तीन महीने के इस प्रोजेक्ट को 10 दिन में 14-14 घंटे की मेहनत से तैयार किया गया है। अमेरिका के हंट्सविले, अल्बामा में 30 मार्च से दो अप्रैल तक यह प्रतियोगिता आयोजित होगी।

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