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शिक्षित होंगी महिलाएं तो तरक्की की हर बाधा होगी समाप्त

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में सोमवार से लैंगिक भेदभाव तथा भारतीय कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक सहभागिता के आयाम विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई। इसका...

शिक्षित होंगी महिलाएं तो तरक्की की हर बाधा होगी समाप्त
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Feb 2017 08:50 PM
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राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में सोमवार से लैंगिक भेदभाव तथा भारतीय कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक एवं आर्थिक सहभागिता के आयाम विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हुई।

इसका उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता। शिक्षित होने पर उनकी तरक्की की राह में आने वाली बाधाएं स्वत: समाप्त हो जाएंगी। महिलाएं शिक्षित होंगी तो परिवार के साथ पूरा समाज शिक्षित होगा तथा उन्नति करेगा। मुख्य वक्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संस्कृति वैदिक कालीन संस्कृति है। यह एक मात्र ऐसा देश है जहां देवियों की पूजा होती है। आज फिर हमें अपने अंदर के मूल्यों को जगाना होगा। समाज में अभिभावक ही अपनी सोच से बेटियों को सशक्त कर सकते हैं। यदि वह अपनी बेटियों को बेटों के समान सपोर्ट करेंगे तो लड़कियों की स्थिति सुदृढ़ होगी जैसा कि शिक्षित परिवारों में हो रहा है।

अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. एमपी दुबे ने कहा कि पूरी दुनिया में महिलाओं के साथ भेदभाव होता है। महिलाएं शिक्षित एवं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी तो उनकी सामाजिक स्थिति भी सुधरेगी। विषय प्रवर्तन कृषि विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक एवं सेमिनार के संयोजक डॉ. पे्रम प्रकाश दुबे ने किया। अतिथियों का स्वागत एवं संचालन आयोजन सचिव डॉ. श्रुति ने किया। इस मौके पर डॉ. गिरीश कुमार द्विवेदी, डॉ. राजेश कुमार पांडेय, डॉ. बृजेश कांत द्विवेदी, प्रो. जेपी श्रीवास्तव, डॉ. हेमलता पंत, डॉ. एसी सिंह, प्रो. विल्सन किस्पोटा तथा डॉ. एमपी सिंह उपस्थित थे।

योग की प्रासंगिकता पर होगा सेमिनार

इलाहाबाद। राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के मानविकी विद्याशाखा की ओर से एक और दो मार्च को वर्तमान में योग की प्रासंगिकता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। यह जानकारी आयोजन सचिव डॉ. स्मिता अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि एक मार्च को दिन में 10.30 बजे न्यायमूर्ति सुधीर नारायण इसका उद्घाटन करेंगे।

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