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उत्तर प्रदेश की इस यूनिवर्सिटी के चार विभाग है दो महीने से लावारिस

रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के पांच प्रमुख विभागों को लेकर रुहेलखंड विश्वविद्यालय में घमासान छिड़ा हुआ है। इनमें से चार विभाग तो वे है जिनको परीक्षा नियंत्रक बनने के बाद डॉ. महेश कुमार ने छोड़ दिया था। वहीं...

उत्तर प्रदेश की इस यूनिवर्सिटी के चार विभाग है दो महीने से लावारिस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Feb 2017 11:13 AM
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रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के पांच प्रमुख विभागों को लेकर रुहेलखंड विश्वविद्यालय में घमासान छिड़ा हुआ है। इनमें से चार विभाग तो वे है जिनको परीक्षा नियंत्रक बनने के बाद डॉ. महेश कुमार ने छोड़ दिया था। वहीं पांचवां गोपनीय विभाग है। रुहेलखंड विवि इन चार विभागों पर यह तय नहीं कर पाया है कि इनका काम कौन देखेगा। फिलहाल अभी इन विभागों को कुलसचिव की निगरानी में रखा गया है।

यह चार विभाग हैं विकास, शोध, शैक्षणिक और प्रशासन। 5 जनवरी को परीक्षा नियंत्रक का चार्ज लेने से पहले यह चार विभाग डॉ. महेश कुमार देखते थे। चार्ज लेने के बाद परीक्षा नियंत्रक ने इन चार विभागों से खुद को मुक्त कर लिया और पूरा ध्यान परीक्षा विभाग पर लगा दिया। विवाद तब खड़ा हुआ जब परीक्षा नियंत्रक ने गोपनीय विभाग को भी अपनी निगरानी में ले लिया जबकि कागजों पर गोपनीय विभाग की जिम्मेदारी डिप्टी रजिस्ट्रार वीके मौर्या के पास थी। विवाद तब बढ़ा जब परीक्षा नियंत्रक ने 31 जनवरी को पत्र जारी कर परीक्षा विभाग, प्रवेश परीक्षा प्रकोष्ठ, परीक्षा चार्टरुम, गोपनीय चार्टरुम, गोपनीय विभाग, उपाधि, मुद्रण मूल्यांकन के पर्यवेक्षण का काम अपने आधीन कर लिया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि गोपनीय विभाग पर परीक्षा नियंत्रक की सीधी मॉनीटिरिंग और हस्तक्षेप से खफा डिप्टी रजिस्ट्रार वीके मौर्या ने कुलपति प्रो. मुशाहिद हुसैन से मिलकर आपत्ति जताई थी। विवाद इसलिए भी बढ़ा कि वीके मौर्या और महेश कुमार दोनों समान पद के अधिकारी है पर डा. महेश कुमार को शासन ने परीक्षा नियंत्रक बना दिया। इससे परीक्षा से जुड़े सभी विभाग इसमें गोपनीय भी शामिल है सीधे महेश कुमार की निगरानी में आ गए। नाराज वीके मौर्या ने कुलपति से मिलकर यहां तक कह दिया था कि जब परीक्षा नियंत्रक सीधे सभी विभाग देखेंगे तो विवि में डीआर के पद की क्या जरुरत है। पद और जिम्मेदारियों पर मचे घमासान के बीच अभी तक कुलपति ने विकास, शोध, शैक्षणिक और प्रशासन विभाग को किसी के हवाले नहीं किया है। इसकी निगरानी कुलसचिव के पास है।

यह बोले जिम्मेदार

कुलसचिव डा. साहब लाल मौर्या ने बताया कि कुलसचिव होने के नाते जिन विभागों की जिम्मेदारी किसी को नहीं मिली है उसका काम देखने मेरी जिम्मेदारी है। मैं ही इन चारों विभागों को देख रहा हूं। कोई काम नहीं रुका है। आचार संहिता के कारण कुलपति ने चारों विभाग के कार्य आवंटन पर निर्णय नहीं लिया है। जल्द ही कुलपति के आदेश के बाद इन विभागों का कार्य आवंटन कर दिया जाएगा। वहीं परीक्षा नियंत्रक डा. महेश कुमार बोले कि वीके मौर्या गोपनीय विभाग के प्रभारी है। मैं परीक्षा नियंत्रक होने के नाते परीक्षा से जुड़े सभी विभाग जिसमें गोपनीय भी है वह मेरे पर्यवेक्षण में हैं। इन विभागों की जिम्मेदारी स्वयं लेने पर स्थिति साफ कर दूं कि सभी विभागों का आवंटन कुलपति के आदेश के तहत ही हुआ है। दूसरी ओर वीके मौर्या ने कहा है कि जो कुलपति काम देंगे वहीं करेंगे।

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