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गोरखपुर में मेट्रो के लिए सर्वे शुरू, डीपीआर सात माह में

गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए अफसरों ने रविवार को सर्वे का काम शुरू कर दिया। लखनऊ मेट्रो के एमडी के नेतृत्व में टीम ने गुलरिहा, खोराबार, बैंक रोड क्षेत्र में मेट्रो के रूट की सम्भावनाएं...

गोरखपुर में मेट्रो के लिए सर्वे शुरू, डीपीआर सात माह में
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Mar 2017 10:20 PM
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गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए अफसरों ने रविवार को सर्वे का काम शुरू कर दिया। लखनऊ मेट्रो के एमडी के नेतृत्व में टीम ने गुलरिहा, खोराबार, बैंक रोड क्षेत्र में मेट्रो के रूट की सम्भावनाएं तलाशी। टीम को सात महीने में डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पदभार संभालते ही गोरखपुर में मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने का निर्देश दिया था। शनिवार को देर शाम गोरखपुर पहुंचे मेट्रो और राइट्स के अफसरों ने रविवार को सर्वे का काम शुरू कर दिया। जीडीए सभागार में हुई समीक्षा बैठक में भी मुख्यमंत्री ने मेट्रो को लेकर जल्द डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया। रविवार को लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव की अगुवाई में टीम ने शहर के विभिन्न हिस्सों का जायजा लिया। उनके साथ भारतीय रेल की सहयोगी संस्था राइट्स के ग्रुप जनरल मैनेजर अर्बन पीयूष कंसल भी थे। इसके अलावा टीम में जीडीए के सहायक अभियंता एसपी अरविन्द, जेई लक्ष्मण सिंह और ड्राफ्टमैन अभय श्रीवास्तव भी शामिल थे।

इन क्षेत्रों में किया सर्वे

टीम सबसे पहले गोरखपुर-महराजगंज रोड पर गुलरिहा गई। इसके बाद महेसरा पहुंची। उसके बाद रेलवे स्टेशन, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट होते हुए सूबा बाजार तक सर्वे किया गया। कुशीनगर नगर रोड पर एअरपोर्ट तक मेट्रो की संभावनाएं तलाशी गई। शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके बैंक रोड से होते हुए टीम रीड साहब धर्मशाला चौराहे पर पहुंची। इसके बाद अधिकारी ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए नौसढ़ तक गए।

छह साल में दौड़ सकती है मेट्रो

सर्वे में जुटे अफसरों का दावा है कि छह साल में गोरखपुर में मेट्रो दौड़ सकती है। सात महीने डीपीआर बनाने में, 15 महीने केन्द्र सरकार से मंजूरी लेने में लगेगा। उसके बाद तीन से चार साल में मेट्रो बनकर तैयार हो जाएगा।

कोट

लखनऊ की ही तरह गोरखपुर में मेट्रो की पर्याप्त संभावना है। सर्वे शुरू कर दिया गया है। 20 साल बाद गोरखपुर में ट्रैफिक को देखते हुए मेट्रो जरूरी है। सात महीने में डीपीआर तैयार कर लिया जाएगा।

कुमार केशव, एमडी, लखनऊ मेट्रो

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