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ताइवान से दो माह बाद आया चित्रकूट के छात्र का शव

दो महीने बाद ताइवान से चित्रकूट के छात्र का शव शुक्रवार को घर पहुंचा तो परिवारीजन फफक पड़े। ताइवान के हिन्चु सिटी में रसायन विज्ञान से पीएचडी करने वाले राधेश्याम की संदिग्ध हालत में वहां गत वर्ष 19...

ताइवान से दो माह बाद आया चित्रकूट के छात्र का शव
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Feb 2017 03:35 PM
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दो महीने बाद ताइवान से चित्रकूट के छात्र का शव शुक्रवार को घर पहुंचा तो परिवारीजन फफक पड़े। ताइवान के हिन्चु सिटी में रसायन विज्ञान से पीएचडी करने वाले राधेश्याम की संदिग्ध हालत में वहां गत वर्ष 19 दिसंबर को मौत हो गई थी। मेघावी छात्र की खबर के बाद परिवार को सांत्वना देने के लिए नेताओं के अलावा आसपास के गांवों के लोग पहुंचे।

शुक्रवार सुबह कर्वी कोतवाली क्षेत्र के गांव कसहाई के मजरा गडरियन डेरा निवासी रामगोपाल पाल के बेटे राधेश्याम (27) का शव उसके परिजन दिल्ली से लेकर पहुंचे तो परिवार में कोहराम मच गया। पिता ने बताया कि गत वर्ष 19 दिसंबर को फोन पर उसके मित्र विजय ने बताया कि राधेश्याम की मौत हो गई। कैसे हुई वह नहीं बता सका। ताइवान के हिन्चु शहर के नेशनल टिसिंग हुआ विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री से पीएचडी करने को फरवरी 2013 को वह ताइवान गया। विवि ने भी मौत पर संदेह जताया तो वहां की पुलिस ने अदालत के सपुर्द मामला किया। इधर, परिजनों ने दिल्ली में ताइवान दूतावास से संपर्क किया। तीन बार दिल्ली के चक्कर काटने के बाद विदेश मंत्रालय से पहल हुई तो उसका शव 22 फरवरी को दिल्ली पहुंचा। इसके बाद एंबुलेंस से परिजन लेकर घर आए। पिता ने बताया कि दूतावास से ताइवान कागज पहुंचाने में उसे 21 सौ रूपए की फीस देनी पड़ी। भाई प्रभु दयाल बताते है कि बीती 23 जनवरी को उसने पासपोर्ट के लिए परिवार के पांच सदस्यों का आवेदन किया पर आज तक पासपोर्ट नहीं बना। आवेदन में बताया गया कि 21 दिन में बनेगा पर एक माह पूरे होने पर भी पासपोर्ट नहीं आया। 

तीन भाइयों में राधे सबसे छोटा था

ताइवान में संदिग्ध हालत में मृतक राधेश्याम तीन भाइयों में सबसे छोटा था। मां सुशीला देवी का निधन कुछ साल पहले हो चुका। बड़े भाई शंकर दयाल व प्रभु दयाल के आंसू थम नहीं रहे। तीनों बहनों को रोराकर बुराहाल है। 20 बीघा जमीन के काश्तकार पिता रामगोपाल ने बताया कि किसानी कर उसने उसकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी। वह दो बाद दिल्ली भी जा चुका है।

मूर्ति लगवाएंगी संपत पाल

राघेश्याम पढ़ने में मेघावी था। कर्वी के ज्ञान भरती इंटर कॉलेज से हाईस्कूल करने के बाद सीआईसी से इंटर किया। इसके बाद उसका चयन आईआईटी रुड़की में हो गया। वहां पढ़ाई के बाद उसे ताइवान पीएचडी के लिए जाने का मौका मिला। मृतक की रिश्तेदार गुलाबी गैंग कमांडर संपत पाल का कहना है कि मेघावी छात्र की मूर्ति वह लगवाएंगी।

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