आज ब्रज में होली रे रसिया...
ग्रामोदय मेले में लोक गीत गायिका मालिनी अवस्थी ने शनिवार रात सुर व ताल का संगम पेश किया तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। यहां देर रात तक गीत संगीत का दौर चला। इसके पूर्व मालिनी अवस्थी ने संत रामभद्राचार्य...
ग्रामोदय मेले में लोक गीत गायिका मालिनी अवस्थी ने शनिवार रात सुर व ताल का संगम पेश किया तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। यहां देर रात तक गीत संगीत का दौर चला। इसके पूर्व मालिनी अवस्थी ने संत रामभद्राचार्य का आर्शीवाद लिया।
ग्रामोदय मेला में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में विख्यात लोकगीत गायिका मालिनी अवस्थी ने भोजपुरी भाषा का गीत रेलिया बैरन पिया को लिए जाए रे को पेश किया तो श्रोता झूम उठे।
इसके अलावा केसरिया बन्नों बागों में होली रे, आज ब्रज में होली रे रसिया, डोलियां सजा के रखना, बन्ना बुलाए बन्नी नहीं आए, तेरी कातिल निगाहों ने मारा, सावन व होली गीतों की धमाल नजरिया बालम जइहै रें आदि गीत पेश किए। इस दौरान उन्होने कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी को गौरव का क्षण बताया। कार्यक्रम की समाप्ति तक दर्शक लोकगीतों व नृत्य समेत प्रस्तुति का आनन्द लेते हुए तालियों से सुर, लय, ताल में साथ देते रहे।
वहीं मालिनी ने बताया कि 10वर्ष पूर्व नानाजी से सियाराम कुटीर में आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला था। वर्ष 2007 में मंदाकिनी के तट पर मप्र सरकार के कार्यक्रम में लोक भजन सुनाने के दौरान नानाजी ने बुलाकर कहा था कि मंदाकिनी की लहरों की ध्वनि के बीच वह श्रीराम के कितने सुंदर भजन गाती है। इसके बाद उन्होंने केवट शबरी प्रसंग के लोक भजन पुन: सुने। जब कभी चित्रकूट आने का मौका मिलता तो वह नाना जी से जरूर मिलती थी। आज फिर मप्र सरकार के आदिवासी लोक कला परिषद के बुलावे पर आई है। आज राम के भजन भी होंगे, मंदाकिनी भी सुनेंगी लेकिन आज नानाजी का सुमिरन कर मन भावुक है।