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याद किए गए वरिष्ठ रंगकर्मी और अभिनेता जुगल किशोर

- ‘स्मृति जुगल किशोर का आयोजन -‘जुगल की स्मृतियों के साथ डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शनलखनऊ। निज संवाददाताइप्टा और अलग दुनिया की ओर से वरिष्ठ रंगकर्मी व अभिनेता जुगल किशोर की स्मृति में सोमवार को जयशंकर...

याद किए गए वरिष्ठ रंगकर्मी और अभिनेता जुगल किशोर
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 27 Feb 2017 08:46 PM
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- ‘स्मृति जुगल किशोर का आयोजन

-‘जुगल की स्मृतियों के साथ डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन

लखनऊ। निज संवाददाता

इप्टा और अलग दुनिया की ओर से वरिष्ठ रंगकर्मी व अभिनेता जुगल किशोर की स्मृति में सोमवार को जयशंकर प्रसाद सभागार में ‘स्मृति जुगल किशोर का आयोजन किया गया। इस मौके पर ‘जुगल की स्मृतियों के साथ नामक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही ‘हिन्दी रंगमंच का मौजूदा परिदृश्य विषय पर परिचर्चा भी हुई।

इस अवसर पर वक्ताओं में मृदुला भारद्वाज ने कहा कि जुगल से जुड़ी तमाम यादें हैं। पिछले तीन दशकों में थियेटर बहुत बदला है। या यूं कहें कि डिजिटल हो गया है। संचालन कर रहे कार्यक्रम संयोजक व अलग दुनिया के महासचिव केके वत्स ने कहा कि रंगमंच पर बहुत जुल्म ढाये जा रहे हैं। उन्हें दबाया जा रहा है। ललित सिंह पोखरिया ने कहा कि जुगल से उनका साथ सन 85 से था। गोपाल सिन्हा ने कहा कि सारे मतभेद भुलाकर हिन्दी रंगमंच को बढ़ाया जाना चाहिए। हिन्दी रंगमंच में जो परिवर्तन हो रहे हैं, उनमें स्टैब्लिस्ड प्लेस कम होते गए। यह कोशिश हो कि प्रयोग और परिवर्तन प्रस्तुति या आलेख के साथ संगत करे। लोककलाएं बचाई जानी चाहिए, तभी नाटक भी बचेगा। प्रदीप घोष ने कहा कि 80 और 90 का दशक रंगमंच के लिए पावरफुल था। सिर्फ लखनऊ में ही नहीं, पूरे उत्तर भारत में। रंगमंच को छिन्न-भिन्न करने के पीछे सिर्फ बाहरी लोग ही नहीं वजह नही हैं, हम आप भी जिम्मेदार हैं। युवाओं में जल्दी आगे बढ़ने की होड़ हैं। सरकारों का रवैया भी ठीक नहीं है। हम पापुलर थियेटर नहीं कर पा रहे हैं। इस अवसर पर विनोद मिश्र, विजय बनर्जी, शकील सिद्दीकी, नसीम साकेती, भगवान स्वरूप कटियार, राकेश पांडेय, अनीता श्रीवास्तव, प्रज्ञा पांडेय, मुकेश वर्मा, महेश चंद्र देवा, धरमश्री सिंह व ऋषि भी मौजूद रहे।

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