शराब पीकर आने वाले सदस्यों को घर में घुसने नहीं देंगी महिलाएं
घर को बचाने के लिए जिले के मलिहाबाद के एक गांव की महिलाओं ने कलेजे पर पत्थर रख कर बड़ा निर्णय लिया है। रामनगर गांव की महिलाओं ने फैसला किया है कि पति या बेटा कोई भी सदस्य यदि शराब पीकर आया तो उसे घर...
घर को बचाने के लिए जिले के मलिहाबाद के एक गांव की महिलाओं ने कलेजे पर पत्थर रख कर बड़ा निर्णय लिया है। रामनगर गांव की महिलाओं ने फैसला किया है कि पति या बेटा कोई भी सदस्य यदि शराब पीकर आया तो उसे घर में नहीं घुसने देंगे। यह निर्णय अन्य गांवों, जिलों और राज्यों की महिलाओं के लिए नजीर साबित होगा।
रामनगर गांव की महिलाओं को यह समझ में आ चुका है कि उनकी परेशानियों और मुसीबत की जड़ कच्ची शराब है। गांव की 80 फीसदी पुरुष आबादी कच्ची शराब बना कर बेचने और खुद भी उसका सेवन करने में लिप्त है। गांव की राजवती, राम जानकी, सरिता समेत दर्जनों महिलाओं ने अन्य को इकट्ठा किया। सबने मिलकर निर्णय लिया कि परिवार के सदस्य अपनी जगह हैं और ‘शराबी अपनी जगह। घर में ‘शराबियों को अब जगह नहीं मिलेगी।
महिलाओं ने तोड़ दीं गांव में दर्जनों शराब भट्ठियां
रामनगर की महिलाओं ने मिलकर सोमवार को गांव की दर्जनों शराब भट्ठियों को तोड़ डाला। कहीं जमीन में तो कहीं नाले के किनारे छिपा कर रखी गई शराब फेंक दी। महिलाओं का कहना है कि जरूरत पड़ी तो वे पुलिस की भी मदद लेंगी। चौकी प्रभारी रहीमाबाद का कहना है कि महिलाओं के इस फैसले में पुलिस उनका पूरा सहयोग करेगी।
सैकड़ों घरों के चराग बुझा चुकी है जहरीली शराब
बीते तीन दशकों के दौरान मलिहाबाद में जहरीली कच्ची शराब सैकड़ों घरों के चराग बुझा चुकी है। कुछ समय पूर्व 15 जनवरी 2015 को मलिहाबाद के दतली समेत कई गांवों में जहरीली शराब से तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। 100 से अधिक लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए। इनमें से कई के आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई।