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यूपीः पुरुष नर्सों की भर्ती के विज्ञापन पर हाईकोर्ट की रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के मेडिकल कॉलेजों में पुरुष नर्सों की भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने महिला नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश भी दिया है। साथ ही पहले से...

यूपीः पुरुष नर्सों की भर्ती के विज्ञापन पर हाईकोर्ट की रोक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Feb 2017 09:09 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सूबे के मेडिकल कॉलेजों में पुरुष नर्सों की भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। हालांकि कोर्ट ने महिला नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश भी दिया है। साथ ही पहले से संविदा पर कार्यरत नर्सों को भी सीधी भर्ती में शामिल करने के लिए कहा है।

यह आदेश न्यायमूर्ति बी अमित स्थलकर ने ममता पाल व दो नर्स अन्य की याचिका पर अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभू राय को सुनकर दिया है। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को महिला नर्सों के लिए आवेदन की अवधि को तीन सप्ताह बढ़ाने का निर्देश दिया है। याचिका में भर्ती के विज्ञापन को चुनौती देते हुए कहा गया है कि याची बीते 12 साल से मेडिकल कॉलेज में संविदा पर कार्यरत हैं। मे़डिकल कॉलेज के प्राचार्य ने गत पांच दिसंबर के आदेश से उन्हें हटा दिया है। प्राचार्य के आदेश में कहा गया था कि संविदा पर कार्यरत नर्सों के लिए भी अधियाचन भेज दिया गया है इसलिए उन्हें हटाया जा रहा है। बाद में गत 12 जनवरी को प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में महिला व पुरुष नर्सों के 3838 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया गया। इसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 13 फरवरी थी।

हाईकोर्ट ने प्राचार्य के आदेश पर रोक लगाई तो शपथपत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि सीधी भर्ती में याचियों के लिए तीन पद आरक्षित किए जा रहे हैं। उसके बाद तीन पद आरक्षित करते हुए विज्ञापन जारी किया गया लेकिन विज्ञापन में पुरुष नर्सों की भर्ती के लिए मनो चिकित्सा में डिप्लोमा अनिवार्य कर दिया गया। अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विभू राय ने गलत व मनमाना बताते हुए तर्क दिया कि नर्सिंग फेडरेशन इस अर्हता को समाप्त कर चुका है। ऐसे में भर्ती के लिए इसकी अनिवार्यता रखना गलत है। इस पर कोर्ट ने पुरुष नर्सों की भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी।

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