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आत्म सम्मान बढ़ाने वाली शिक्षा ही वास्तविक

पूर्व डीजीपी रंजन द्विवेदी ने कहा है कि छात्रों की आत्मसंयम को बढ़ाने वाली शिक्षा की वास्तविक शिक्षा है। जो शिक्षा आत्मसम्मान बढ़ाने में असफल होगी वह शिक्षा देश और समाज के लिए कतई हितकर नहीं है । यही...

आत्म सम्मान बढ़ाने वाली  शिक्षा ही वास्तविक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 26 Feb 2017 07:10 PM
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पूर्व डीजीपी रंजन द्विवेदी ने कहा है कि छात्रों की आत्मसंयम को बढ़ाने वाली शिक्षा की वास्तविक शिक्षा है। जो शिक्षा आत्मसम्मान बढ़ाने में असफल होगी वह शिक्षा देश और समाज के लिए कतई हितकर नहीं है । यही कारण रहा कि पूर्व में देश गुलाम रहा। द्विवेदी रविवार को प्रधानाचार्य संघ के पांचवें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन संत साईं शिक्षण संस्थान (तुलसीपुर) में किया गया था।

द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि और जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ़ ओ़पी राय ने कहा कि सफलता के तीन चरण होते हैं अपमान, विरोध और स्वीकृति । अध्यक्षता कर रहे प्रदेशीय संयोजक डॉ़ विश्वनाथ दुबे ने कहा कि शिक्षा में प्रयोगों का स्वागत होना चाहिए लेकिन समय-समय पर उसकी जन उपयोगिता की समीक्षा अनिवार्य है, अन्यथा इस शिक्षा से देश का बंटाधार होने से कोई रोक नहीं सकता ।

विषय का प्रवर्तन महाबोधि इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.बेनी माधव ने किया। डॉ़ अविनाश चन्द्र सिंह ने किया । इस अवसर पर बरजू राम यादव, अरविन्द पटेल, वित्तविहीन षिक्षक संघ के अध्यक्ष जयशंकर दूबे, नारायणजी दूबे, प्रियंका तिवारी, नीलम सिंह, ललिता कुमारी साथ ही डा़ अनुराग मिश्र, डॉ़ के़डी दुबे, डॉ़ संतोष सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये।

वर्ष 2017-18 के लिए मण्डलीय कार्यकारिणी का चयन हुआ जिसमें डॉ. एसएन सिंह अध्यक्ष पद के लिए, डॉ. अखिलेन्द्र त्रिपाठी मंत्री, बरखू राम यादव कोषाध्यक्ष, कलाधर दुबे उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुए । संचालन डॉ भगवतीधर दुबे व धन्यवाद धरणीधर शुक्ल ने किया ।

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