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मानव शृंखला बनी, गंगा रक्षा का संकल्प लिया

विश्व जल दिवस पर बुधवार की सुबह गंगा तट पर गंगा रक्षा के संकल्प के साथ मानव शृंखला बनी। इसमें स्कूली बच्चों, गंगाप्रेमियों के अलावा स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। संकटमोचन फाउण्डेशन ने...

मानव शृंखला बनी, गंगा रक्षा का संकल्प लिया
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Mar 2017 08:00 PM
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विश्व जल दिवस पर बुधवार की सुबह गंगा तट पर गंगा रक्षा के संकल्प के साथ मानव शृंखला बनी। इसमें स्कूली बच्चों, गंगाप्रेमियों के अलावा स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

संकटमोचन फाउण्डेशन ने मानव शृंखला का आह्वान किया था। इस दौरान सभी ने गंगा में कचरा न डालने, प्रदूषण दूर करने, गंगा के प्रति स्नेहिल भाव रखने और तट पर गंदगी न करने आदि का संकल्प लिया। फाउण्डेशन के संस्थापक अध्यक्ष व संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. वीरभद्र मिश्र को श्रद्धांजलि दी गयी। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे ने कहा कि गंगा की अवरिलता एवं निर्मलता के लिए ठोस प्रयास होने चाहिए। यह हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की संरक्षिका है। साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने कहा कि संकटमोचन फाउण्डेशन गंगा के अविरल एवं निर्मल बनाने के सराहनीय कार्य में लगा है। आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो. एसएन उपाध्याय ने कहा कि गंगा को अविरल एवं निर्मल करने के उद्देश्य से स्व. वीरभद्र मिश्र ने फाउण्डेशन की स्थापना की थी, हम उनके बताये रास्तों पर गंगा निर्मलीकरण के अभियान में लगे रहेंगे।

विधायक सौरभ श्रीवास्तव व सुरेन्द्र नारायण सिंह औढ़े ने गंगा को प्रदूषणमुक्त कराने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। मेयर रामगोपाल मोहले ने कहा कि गंगा की अविरलता एवं निर्मलता के प्रति प्रधानमंत्री मोदी स्वयं गंभीर हैं। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से यह कार्य तेज होगा।

समारोह की अध्यक्षता संकटमोचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने की। इस मौके पर रंगकर्मी राजकुमार के निर्देशन में गंगा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने प्रस्तुत किया। मानव श्रृंखला के संयोजन में अशोक पाण्डेय, गोपाल पाण्डेय, रामयश मिश्र, सोनू झा, रामचन्द्र साहनी का विशेष सहयोग रहा।

आयोजन में तुलसी विद्या निकेतन, नंदलाल बाजोरिया संस्कृत विद्यालय के बच्चे सक्रिय रहे। इस अवसर पर किशन जालान, डॉ. अनूप मिश्र, बद्री नारायण पंडित, एसके श्रीवास्तव, सुनील मिश्र, हरदत्त शुक्ला, हृदय नारायण मिश्र आदि मौजूद थे। स्वागत डॉ. विजय नाथ मिश्र ने किया। संचालन राजेन्द्र दुबे व रामयश मिश्र जबकि धन्यवाद ज्ञापन राजेश मिश्र ने किया।

का भइया, कम से कम आज त माई के छोड़ दा!

विश्व जल दिवस जहां एक ओर गंगा की अविरलता, निर्मलता के लिए गंगासेवक संकल्प ले रहे थे वहीं कुछ ऐसे भी थे जो धड़ल्ले से गंगा में कपड़ा धो रहे थे। कोई साबुन लगाकर नहा रहा था तो कोई कपड़ा धो रहा था। एक ने कहा कि अरे भइया कम से कम आज त माई के बख्श दा।

गंगा में गिरते रहे नाले

विश्व जल दिवस के अवसर पर भी गंगा की जलधार में सीवर का पानी गिर रहा था। सामने घाट, नगवा घाट, खिड़किया घाट, वरुणा, हरिश्चन्द्र घाट के करीब घाट पर तो गंगा में सीवर पानी बेतहाशा गिर रहा था। एक ओर गंगा की निर्मलता के लिए संकल्प लिये जा रहे तो वहीं गंगा में गिरता सीवर का पानी अइना दिखा रहा था।

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