नंदीग्राम के संग्राम में ममता बनर्जी को दी मात, जानिए जीत पर क्या बोले शुभेंदु अधिकारी
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का सबसे कड़ा और दिलचस्प मुकाबला नंदीग्राम में हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कभी उनके दाएं हाथ रहे शुभेंदु अधिकारी ने नजदीकी मुकाबले में हरा दिया है। नंदीग्राम के...
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का सबसे कड़ा और दिलचस्प मुकाबला नंदीग्राम में हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कभी उनके दाएं हाथ रहे शुभेंदु अधिकारी ने नजदीकी मुकाबले में हरा दिया है। नंदीग्राम के नतीजे के बाद जहां ममता बनर्जी ने गड़बड़ी का आरोप लगाकर कोर्ट जाने की बात कही है तो शुभेंदु अधिकारी ने जनता का आभार जताकर सेवा की प्रतिबद्धता जताई है।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ''प्यार, विश्वास, आशीर्वाद, समर्थन और मुझे अपना प्रतिनिधि और विधायक चुनने के लिए नंदीग्राम की महान जनता को बहुत धन्यवाद। उनकी (जनता) सेवा और कल्याण के लिए काम करना मेरी कभी ना खत्म होने वाली प्रतिबद्धता है। मैं वास्तव में आभारी हूं। '' शुभेंदु अधिकारी ने इस ट्वीट के साथ इस सीट की मतगणना का परिणाम भी साझा किया है। इसके मुताबिक शुभेंदु ने ममता बनर्जी को 1736 वोटों से हराया है।
My sincere thanks to the great People of Nandigram for their love, trust, blessings, and support, and for choosing me as their representative and the MLA from #Nandigram. It is my never-ending commitment to be of service to them and working for their welfare. I am truly grateful! pic.twitter.com/oQyeYswDa8
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 2, 2021
भवानीपुर सीट छोड़कर इस बार नंदीग्राम में अपने जूनियर से लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला उल्टा पड़ गया है। नंदीग्राम आंदोलन के कर्ताधर्ता रहे शुभेंदु अधिकारी के गढ़ से चुनाव लड़ने का जैसे ही ममता बनर्जी ने ऐलान किया, अधिकारी ने दावा किया था कि वह मुख्यमंत्री को 50 हजार वोटों से हरा देंगे। हार जीत का अंतर भले ही बेहद कम रहा, लेकिन शुभेंदु ने टीएमसी की जीत के रंग में भंग जरूर डाल दिया है।
अब तक प्राप्त रुझानों के मुताबिक विधानसभा की 292 सीटों के लिए जारी मतगणना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस 202 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है जबकि भाजपा 81 सीटों पर आगे है। पिछले विधानसभा चुनाव में महज तीन सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन वह अपने अभियान में सफल नहीं हो सकी।