बिहार विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर लोजपा पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान जल्द संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाकर भाजपा के साथ चर्चा के बारे में जानकारी देंगे। LJP के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में कहा कि संसदीय बोर्ड की बैठक में तय किया जाएगा कि भाजपा का ऑफर माना जाए या अकेले मैदान में उतरा जाए। इसलिए, अभी सभी विकल्प खुले हुए हैं।
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार से नामांकन शुरू हो जाएंगे, पर अभी तक NDA के घटकदलों में सीट बंटवारे को लेकर फैसला नहीं हो पाया है। लोजपा गठबंधन के अहम सहयोगी BJP की तरफ से ऑफर की गई सीट की संख्या से खुश नहीं है। पार्टी ज्यादा सीट की मांग कर रही है। इस बीच, पार्टी के अंदर अकेले चुनाव लड़ने की मांग भी तेज होती जा रही है। अंतिम फैसला करने के लिए एक-दो दिन में संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है। इस बीच, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज अहमद ने कहा कि चिराग पासवान लोजपा की तरफ से चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
बीजेपी का ऑफर हमारी उम्मीद से कम
लोजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा की तरफ से जो ऑफर दिया गया है, वह हमारी उम्मीद से कम है। भाजपा गठबंधन में अहम सहयोगी है। ऐसे में हमने उनके सामने अपनी मांग रखी है। हमें उम्मीद है कि भाजपा हमारी मांग को मानते हुए ज्यादा और मजबूत सीट देगी। यह पूछे जाने पर कि क्या लोजपा अकेले चुनाव लड़ सकती है, उन्होंने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। इस बारे में अंतिम निर्णय पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। पार्टी 42 से अधिक मजबूत सीट पर अपनी दावेदारी कर रही है। पर भाजपा ने अभी सिर्फ 27 सीट ऑफर की है। लोजपा नेता ने कहा कि विधान परिषद और राज्यसभा की सीट मिलती है, तो पार्टी सीट कम करने पर विचार कर सकती है। इस बीच, पार्टी के अंदर अकेले चुनाव लड़ने की मांग तेज हो रही है। पार्टी 143 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर चुकी है।
50 से 60 सीटों पर BJP, JDU और LJP के अपने अपने दावे
वहीं सीटों को लेकर इस सप्ताह के आखिर में एनडीए की बैठक की भी संभावना है। अभी विभिन्न दलों के नेता आपस में चर्चा कर सीटों की संख्या के साथ हर दल के हिस्से में आने वाली सीटों को चिह्नित करने में जुटे हैं। लगभग 50 से 60 सीटें ऐसी हैं, जिसे लेकर एनडीए के तीनों दलों भाजपा, जद (यू) व लोजपा के अपने-अपने दावे हैं। एनडीए में सबसे ज्यादा दिक्कत लोजपा के बड़े दावों को लेकर आ रही है। सोमवार को लोजपा नेता चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की है। सूत्रों के अनुसार लोजपा ज्यादा सीटों पर अड़ने के बजाए अपनी पसंद की सीटों पर ज्यादा जोर दे रही है। इनमें कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर दूसरे दलों की भी मजबूत दावेदारी है। ऐसे में उसकी पूरी मांग मान पाना संभव नहीं दिख रहा है। दबाव बनाने के लिए लोजपा जद (यू) के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की बात कह रही है, क्योंकि जद (यू) बार-बार कह रहा है कि उसका भाजपा से गठबंधन है और लोजपा से कभी नहीं रहा है। ऐसे में लोजपा को साधने की जिम्मेदारी भाजपा पर है।