यह ग्रह शुभ तो मैनेजमेंट गुरु, खराब है तो करेगा खुजली

ज्योतिष शास्त्र में बुध को चंद्रमा का पुत्र माना गया है किंतु बुध चंद्रमा को शत्रु मानता है और चंद्रमा बुध को मित्र मानता है। चंद्रमा नपुंसक ग्रह, द्विस्वभाव प्रवृत्ति का है। बुध का तत्व पृथ्वी है।...

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यह ग्रह शुभ तो मैनेजमेंट गुरु, खराब है तो करेगा खुजली
Praveen पं.श‍िवकुमार शर्मा , मेरठ
Tue, 29 Sep 2020 11:36 AM

ज्योतिष शास्त्र में बुध को चंद्रमा का पुत्र माना गया है किंतु बुध चंद्रमा को शत्रु मानता है और चंद्रमा बुध को मित्र मानता है। चंद्रमा नपुंसक ग्रह, द्विस्वभाव प्रवृत्ति का है। बुध का तत्व पृथ्वी है। बुध की राशि मिथुन और कन्या है। बुध कन्या राशि के 15 से 20 अंशों के मध्य मूल त्रिकोण में माना गया है। बुध की उच्च राशि कन्या होती है और नीच राशि मीन होती है। बुध ग्रह अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामी है। बुध अपने से सप्तम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है। बुध के मित्र ग्रह सूर्य शुक्र और राहु हैं। बुध चंद्रमा को शत्रु मानता है। मंगल, शनि और शुक्र बुध के सम ग्रह हैं। बुध तीव्र गति का ग्रह है। लगभग एक महीना एक राशि में रहता है। बुध सदैव सूर्य के आसपास ही रहता है। यह शुभ ग्रह और रजोगुणी है।

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बुध के देवता भगवान विष्णु हैं। उत्तर दिशा का स्वामी है। कुंडली में अशुभ बुध होने से वाणी, जिह्वा और त्वचा रोग देता है। यह कुंडली में यदि पाप ग्रह के साथ बैठा हो अथवा नीच राशि में हो या शत्रु ग्रहों के मध्य में बैठा हो तो उस व्यक्ति की वाणी में दोष होता है। वह वाचाल होता है। त्वचा संबंधी बीमारी जैसे खुजली, दाद एवं दाग हो जाते हैं। ऐसी अवस्था में बुध को प्रसन्न करने के लिए गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और नियमित रूप से गाय की सेवा करनी चाहिए।
बुध ग्रह विद्या, बुद्धि, वाणी, व्यापार और वाणिज्य का कारक है। बुध के शुभ होने से व्यक्ति मैनेजमेंट गुरु अथवा सीए होता है। बैंकिंग, पत्रकारिता, कानून का ज्ञाता होता है। बुध को प्रसन्न करने से व्यापार में वृद्धि होती है। पद प्रतिष्ठा का लाभ होता है। समाज में अच्छे लोगों में गिनती होती है। इसलिए इन सब को चाहने वाला व्यक्ति अपनी बहन, बुआ, बेटी आदि का सम्मान करे। उनके सम्मान करने से व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में बहुत ही वृद्धि होगी। वास्तु शास्त्र में भी बुध उत्तर दिशा का स्वामी है यदि यह दिशा स्थान अच्छा एवं स्वच्छ है तो आपके घर में कभी भी धन की कमी नहीं आएगी।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) 

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