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बरौनी फ्लैग को पूर्ण स्टेशन का दर्जा नहीं मिलने से रोष

न में सवारी गाड़ियों के परिचालन बन्द रहने से स्टेशन कार्यालय में हमेशा ताला लटका रहता है। अलबत्ता मेल...

बरौनी फ्लैग को पूर्ण स्टेशन का दर्जा नहीं मिलने से रोष
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायThu, 22 Oct 2020 06:30 PM
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बरौनी फ्लैग रेलवे स्टेशन को अब तक पूर्ण स्टेशन का दर्जा नहीं मिलने से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है। खास बात यह कि रेलवे स्टेशन के लिए जो बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए उसका भी अभाव है। जबकि, इसे स्टेशन का पूर्ण दर्जा दिलाने के लिए जोरदार आंदोलन भी हुआ। वर्तमान स्थिति यह है कि कोरोना लॉकडाउन में सवारी गाड़ियों के परिचालन बन्द रहने से स्टेशन कार्यालय में हमेशा ताला लटका रहता है। अलबत्ता मेल व स्पेशल ट्रेनों व मालगाड़ी के स्टेशन होकर गुजरते समय रेलकर्मी प्लेटफार्म पर खड़े दिखाई पड़ते हैं।

अंग्रेजी हुकूमत के समय बरौनी ड्यौढी के ननका बाबू के दबाव पर वर्ष 1875 में बरौनी स्टेशन के नाम से बरौनी ग्राम में इसकी स्थापना की गयी थी। वर्ष 1905 में वर्तमान बरौनी जंक्शन स्थापित किया गया। एक ही नाम से दो स्टेशन से होनेवाली गड़बड़ी के मद्देनजर पहले स्थापित स्टेशन में फ्लैग व बाद वाले में जंक्शन जोड़ दिया गया। उस वक्त बरौनी से बछवाड़ा भाया शाहपुरपटोरी हाजीपुर तक ट्रेन चलती थी।

मीटर गेज से ब्रॉड गेज में तब्दील होने के बाद भी नहीं हुआ विकास

बरौनी से हाजीपुर व भाया मुजफ्फरपुर हाजीपुर व उससे आगे तक मीटर गेज ब्राड ग्रेज में तब्दील हो गया। लेकिन फ्लैग स्टेशन प्लेटफार्म की ऊंचाई नहीं बढाई गई। इससे बच्चे, बूढ़े, दिव्यांगजनों व महिलाओं को ट्रेनों पर सवार होने में कठिनाई हो रही है। प्लेटफार्म पर धूप, शीत व वर्षा से बचाव की व्यवस्था के नाम पर सिर्फ दो तीन छोटी -छोटी छतरियां हैं। पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था के लिए डाउन प्लेटफार्म पर सिर्फ एक चापाकल है। संध्या के बाद स्टेशन पर सुरक्षा के नाम पर सिर्फ धुंधली टिमटमाती छह बिजली बल्ब की रोशनी में भी अंधेरा पसरा रहता है।

ट्रेनों के आगमन की जानकारी देने की नहीं है व्यवस्था

यहां ट्रेनों के आगमन की जानकारी देने की व्यवस्था भी नहीं है। सीतामढ़ी सियालदह एक्सप्रेस के सिवा अन्य कोई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव नहीं है। यह एक्सप्रेस ट्रेन के नाम पर मजाक है। चुंकि नाम व किराया एक्सप्रेस का लेकिन परिचालन पैसेंजर का है। इस स्टेशन पर आरक्षण कोटा नहीं दिया गया है। इस स्टेशन से तेघड़ा नगर पंचायत के कई वार्ड, बरौनी एक, दो व तीन पंचायत, निपनिया मधुरापुर पंचायत का अंश, गौड़ा-एक व फुलवरिया-एक पंचायत के लोग लाभान्वित होते हैं।

स्टेशन का दर्जा दिलाने वाले आंदोलनकारी कोर्ट का लगा रहे हैं चक्कर

बरौनी फ्लैग रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा प्रदान करने व इसे पूर्ण स्टेशन का दर्जा देने के लिए 2007 में बरौनी व आसपास ग्रामीणों ने 2007 में विशाल धरना देकर रेल का चक्का जाम किया था। रेल पुलिस ने 24 लोगों के विरुद्ध अपराधिक मुकदमा दर्ज किया था। उनमें से 5 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। जबकि शेष लोगों को अब भी न्यायालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। हांलाकि विभागीय अधिकारियों ने मुकदमा वापस लेने का आश्वासन दिया था लेकिन सब बेकार व ढकोसला साबित हो रहा है।

कहते हैं लोग

वयोवृद्ध कांग्रेसी केदार प्रसाद सिंह, जिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष शिवजी सिंह, बरौनी-एक पंचायत के मुखिया रामपुकार चौरसिया व भाजपा के सुभाष प्रसाद सिंह ने कहा कि 13 वर्षों के बाद भी न तो रेलवे अधिकारी का आश्वासन पूरा हुआ और न तो उनलोगों पर से मुकदमा वापस लिया गया है। इन लोगों ने कहा कि इस सवाल पर वोट मांगने वाले प्रत्याशियों के समक्ष इस मुद्दा को उठाएंगे कि पूर्ण स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए कौन प्रत्याशी आवाज बनेगा। कानून के दलदल में फंसे लोगों को न्याय दिलाने के लिए क्या करेंगे।

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