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श्रीकृष्ण सेतु की सड़क के एप्रोच रोड निर्माण को हरी झंडी

लीड पेज 4बीच गंगा नदी पर बने श्रीकृष्ण सेतु के सड़क मार्ग की भूमि के अधिग्रहण के मामले को कैंप में निपटाते अधिकारी व अन्य। फोटो नं. 10, बेगूसराय व मुंगेर के बीच गंगा नदी पर बने श्रीकृष्ण सेतु के...

श्रीकृष्ण सेतु की सड़क के एप्रोच रोड निर्माण को हरी झंडी
हिन्दुस्तान टीम,बेगुसरायWed, 13 Jun 2018 06:54 PM
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केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शुमार बेगूसराय व मुंगेर के बीच गंगा नदी पर बने श्रीकृष्ण सेतु की सड़क के एप्रोच रोड निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। डीएम राहुल कुमार की पहल के बाद कैंप लगा भूमि अधिग्रहण के एवज में किसानों को मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला भू-अर्जन अधिकारी ने बताया है कि एनएचएआई को काम शुरू करने को कह दिया गया है।

श्रीकृष्ण सेतु का सड़क मार्ग शुरू होने से बेगूसराय, खगड़िया व मुंगेर समेत समीपवर्ती अन्य कई जिलों के विकास को पंख लग जाएंगे। आमजन के साथ व्यापारियों को भी सुविधा होगी। राजेन्द्र सेतु पर वाहनों का दबाव घटेगा। प्रखंड क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान डीएम ने वहां कैंप लगाकर भूमि अधिग्रहण के मामले का निपटारा करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया था।

पुल के सड़क मार्ग को जोड़ने के लिए बनने वाले नये एनएच-333बी के लिए भूमि अधिग्रहण को ले जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से भूमि संबंधी समस्याओं के निष्पादन को लेकर पुल के उत्तरी छोर के अलग-अलग गांवों में कैंप लगा अधिग्रहण में आड़े आ रही अड़चनों को त्वरित तरीके दूर किया जा रहा है। इससे क्षेत्र वासियों में खुशी की लहर देखी जा रही है। लोग एप्रोच पथ निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होने के प्रति आशान्वित हैं और डीएम की पहल की सराहना कर रहे हैं।

विदित हो कि इस पुल के रेल मार्ग से ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2016 से शुरू है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पुल का लोकार्पण किया था। लेकिन, दो वर्ष बाद भी एप्रोच पथ के अभाव में पुल का सड़क मार्ग नाकारा साबित हो रहा है।

एप्रोच रोड के लिए होगा 35 एकड़ जमीन का अधिग्रहण

श्रीकृष्ण सेतु के सड़क मार्ग के एप्रोच रोड के लिए कुल 35.4 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए पांच मौजे मल्हीपुर करारी, मल्हीपुर बरारी, सबदलपुर, श्रीचन्द्रपुर व रघुनाथपुर की 565 रैयतों की जमीन चिह्नित की गई है। भूमि अधिग्रहण की दिशा में चल रहे कार्य प्रगति के बारे में जिला भू-अर्जन अधिकारी मो. राजिक बताते हैं कि अब तक कुल 21 रैयतों को खाते में आरटीजीएस के माध्यम से मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। इस सप्ताह करीब 54 रैयतों के जमीनी दस्तावेज के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर करीब 8 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना तय है। भू-अर्जन अधिकारी ने रैयतों से अतिशीघ्र अपने भूमि दस्तावेज के साथ दावा प्रस्तुत करने की अपील करते हुए कहा कि 30 जून तक 80 फीसदी रैयतों को भुगतान कर दिया जाएगा।

लोग बताते हैं कि मुंगेर सब्जी व दूध का बड़ा बाजार है। सब्जी व दूध के व्यापारी वर्षों से नदी मार्ग से अपना व्यापार करते हैं। जो न सिर्फ महंगा व परेशानी से भरा साबित होता है बल्कि असुरक्षित भी है।

पुल निर्माण में लग गए 16 साल

श्रीकृष्ण सेतु के निर्माण में 16 साल लग गए फिर भी एप्रोच रोड के अभाव में यह पुल नाकारा साबित हो रहा है। मुंगेर रेल सह सड़क पुल परियोजना का लंबा इतिहास है। स्थानीय बुद्धिजीवियों की मानें तो गंगा नदी पर 2774 करोड़ की लागत से नवनिर्मित इस पुल के निर्माण की बात भूतपूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र के जमाने से चल रही थी। जब केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान पहली बार रेल मंत्री बने तो पुल की मांग तेज हुई और इसकी भूमिका तैयार हुई। तब खगड़िया व मुंगेर के बीच पुल बनने की बात चली। इसे काफी खर्चीला मान रेल प्रशासन ने बेगूसराय जिले के साहेबपुरकमाल प्रखंड व मुंगेर के बीच पुल निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया। इसकी स्वीकृति के बाद 25 दिसंबर वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व रेल मंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रखंड के फुलमलिक गांव में बड़ी आमसभा में प्रधानमंत्री वाजपेयी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पुल का शिलान्यास किया। उस समय पुल की अनुमानित लागत 800 करोड़ थी। उस समय पुल का उत्तरी छोर फुलमलिक गांव में होना था जो बाद में बदलकर मल्हीपुर ले जाया गया। लोग बताते हैं कि इसी बदलाव के चलते पुल के बनने में लंबा समय लगा और खर्च बढ़कर तीन गुना से अधिक हो गया।

किसी को 3.5 लाख तो किसी को 6 लाख की दर से हो रहा भुगतान

भेदभाव से रोष

एक ही जगह की जमीन का दिया जा रहा अलग-अलग मूल्य

मुआवजा भुगतान में भेदभाव पर जतायी नाराजगी

साहेबपुर कमाल। निज संवाददाता

श्रीकृष्ण सेतु के सड़क मार्ग की भूमि के अधिग्रहण के मुआवजे भुगतान में इलाके के कई भू-स्वामियों ने भेदभाव नहीं करने की फरियाद की है। मुंगेर रेल सह सड़क पुल के सड़क मार्ग के एप्रोच रोड के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर बुधवार को मिश्रीलाल मध्य विद्यालय परिसर में लगाये गये कैंप में भूस्वामियों ने मुआवजे में भेदभाव को लेकर आपत्ति जतायी है। भूस्वामियों ने जिला प्रशासन से एक तरह की जमीन के एवज में एक समान मुआवजा की मांग की।

मौक़े पर खरहट निवासी भूस्वामी ब्रजेश कुमार, शालिग्रामी गांव के सुमन सहनी, विजय किशोर यादव, बृजमोहन प्रसाद, मल्हीपुर की उर्वशी देवी, रेणु देवी, सीता देवी व सुदामा देवी सहित एक दर्जन से अधिक भूस्वामियों ने बताया कि एक जगह की एक समान जमीन के लिए भूस्वामियों को अलग-अलग मुआवजा दिया जा रहा है।

डीएम से पहल करने की मांग

किसी को प्रति कट्ठा साढ़े तीन लाख तो किसी को 6 लाख रुपये प्रति कट्ठे की दर से जमीन का मुआवजा दिया जा रहा है। यह सरासर नाइंसाफी है। इसके लिए भूस्वामियों ने सर्वे करने वाले अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और डीएम से पहल कर जमीन के पुनर्मूल्यांकन की मांग की है। एप्रोच पथ के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए लगाये गये कैंप में बुधवार को कुल 5 रैयतों ने अपना आवेदन प्रस्तुत किया। उसकी जांच के बाद सीओ मनोरंजन कुमार मधुकर ने मुआवजे के लिए अग्रसारित कर दिया। सीओ ने बताया कि सबदलपुर पंचायत की करीब 90 फीसदी रैयतों की जमीन पूर्वजों के नाम जमाबंदी कायम है। इसको लेकर संबंधित रैयतों को जमीन के बंटवारे के साथ दाखिल-खारिज के लिए आवेदन देने का निर्देश दिया गया है।

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