ये गांव भी अब मृत्युभोज के खिलाफ, ग्रामीणों ने न खाएंगे और न ही खिलाएंगे का लिया संकल्प

खगड़िया जिले के रामपुर की राह पर चला महेशखूट थाना क्षेत्र का बन्नी गांव। दरअसल यहां के ग्रामीणों ने सोमवार को मृत्युभोज का बहिष्कार कर दिया। इसके साथ ही ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि  मृत्युभोज न...

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ये गांव भी अब मृत्युभोज के खिलाफ, ग्रामीणों ने न खाएंगे और न ही खिलाएंगे का लिया संकल्प
Sunil महेशखूट(खगड़िया)। एक प्रतिनिधि
Mon, 18 Nov 2019 5:55 PM

खगड़िया जिले के रामपुर की राह पर चला महेशखूट थाना क्षेत्र का बन्नी गांव। दरअसल यहां के ग्रामीणों ने सोमवार को मृत्युभोज का बहिष्कार कर दिया। इसके साथ ही ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि  मृत्युभोज न खाएंगे और न ही किसी को खिलाएंगे। बन्नी गांव के इस पहल की आसपास के कई गांवों के लोगों ने सराहना की है। 

उल्लेखनीय है कि गायत्री परिवार से जुड़े शशिभूषणकांत सिंह की मां विमला देवी के रविवार को निधन के बाद कुछ ग्रामीणों और सगे- संबंधियों ने मृत्युभोज करने की मांग की गई। इस पर बन्नी गांव निवासी शशिभूषणकांत सिंह ने धर्मग्रंथों में इसे निषिद्ध बताते हुए मृत्युभोज नहीं करने की बात कही। शशिभूषणकांत सिंह की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण उनकी अगुवाई में ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से मृत्युभोज नहीं खाएंगे और न ही खिलाएंगे का संकल्प लिया। 

इधर स्वतंत्रता सेनानी बजरंगी प्रसाद सिंह, शशिभूषणकांत, डॉ. सुरेश प्रसाद सिंह, नरेश कुमार सिंह आदि ने भी अपने-अपने उद्गार व्यक्त कर मृत्युभोज नहीं करने के फैसले का स्वागत किया।
 

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