कटिहार-बरौनी रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से यात्री परेशान
कोविड-19 के प्रभाव के कारण जिले के कटिहार-बरौनी रेलखंड के अलावा अन्य रेलखंड में पैसेंजर ट्रेन का परिचालन ठप रहने के कारण आम यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सनद रहे कि कोरोना संक्रमण...
कोविड-19 के प्रभाव के कारण जिले के कटिहार-बरौनी रेलखंड के अलावा अन्य रेलखंड में पैसेंजर ट्रेन का परिचालन ठप रहने के कारण आम यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सनद रहे कि कोरोना संक्रमण को लेकर विगत 22 मार्च के अर्धरात्रि में लॉकडाउन लगाये जाने के कारण ट्रेन सहित अन्य वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया था।
बाद में बस सहित अन्य यात्री वाहनों का परिचालन 50 प्रतिशत सीट के सवारी के अनुसार चालू किया गया। लेकिन 8 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी कटिहार-बरौनी सहित अन्य रेलमार्ग पर पैसेंजर ट्रेन का परिचालन शुरु नहीं किये जाने के कारण दैनिक यात्रियों को जहां परेशानी हो रही है। इस विषम परिस्थिति के बावजूद यात्रियों को बस, ऑटो रिक्शा एवं टोटो से एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए विवश होना पड़ता है। इतना ही नहीं स्टैंड किरानी एवं बस के संवाहकों द्वारा मनमाने तौर पर निर्धारित भाड़ा से दुगुना वसूला जाता है। परेशान व हताश यात्रियों को मजबूरी में आने-जाने की विवशता बनी रहती है। जबकि स्वास्थ्य विभाग एवं गृह मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के तहत सामाजिक दूरी व सेनिटाइजर की व्यवस्था की जिम्मेवारी बस प्रबंधकों को दी गई है। बावजूद इन नियमों का न तो अनुपालन किया जाता है और न ही निर्धारित सीट के हिसाब से यात्रियों को बैठाया नहीं जाता है। इतना ही नहीं सीट के अलावा बस में खड़े होकर तथा बस की छत पर सवार होकर यात्रियों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जाता है।
ट्रेन का न तो काउन्टर से मिलता है टिकट और एमएसटी की सुविधा भी नदारद: इन दिनों कटिहार रेल मंडल सहित अन्य रेलमार्ग पर स्पेशल ट्रेन का परिचालन हो रहा है। इसमें यात्रा करनेवाले यात्रियों को ऑनलाइन टिकट लेना पड़ता है। जबकि दैनिक यात्रियों के लिए रेल प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी गई है। एक तो काउन्टर से रेलवे टिकट नहीं दिया जा रहा है और दैनिक यात्रियों को मासिक सीजन टिकट की भी व्यवस्था नहीं किया गया है। ऐसे में खासकर प्रतिदिन कटरिया, कुरसेला एवं काढ़ागोला से दूध लाने दहियार के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है। अगर भूलवश किसी स्पेशल ट्रेन पर ये यात्री सवार होने की कोशिश भी करते हैं तो आरपीएफ द्वारा उसे जबरन उतार दिया जाता है।
शिक्षक व नौकरी पेशावाले यात्री हो रहे हैं परेशान: बताते चलें कि प्रतिदिन जिला मुख्यालय से बाहर एवं अन्य प्रखंडों से जिला मुख्यालय नौकरी पेशावाले का आना जाना रहता है। खासकर शिक्षक, शिक्षिकाएं, अधिवक्ता, व्यवसायी व निजी कम्पनी में काम करनेवाले प्रतिदिन प्रखंडों से जिला मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय से प्रखंड की ओर जाते हैं। पैसेन्जर ट्रेन का पचिालन नहीं होने के कारण जहो अर्थिक दोहन होता है। वहीं दफ्तर जाने में जाम के कारण लेट हो जाता है।
यात्रियों ने बतायी अपनी पीड़ा : दैनिक यात्री संघ के सदस्यों में से रतन कुमार चौधरी, दिलीप मिस्त्री, दिलीप रजक, शंकर चौधरी, अधिवक्ता शशांक शेखर झा, शंभू यादव, गौरी शंकर साह, निरंजन यादव, रवि मंडल,संतोष मंडल एवं अमर कुमार ने बताया कि ट्रेन नहीं चलने से उसकी परेशानी बढ़ी है। साथ ही उन्होंने यात्री हित में शीघ्र पैसेन्जर ट्रेन चलाने की मांग की है। साथ ही स्पेशल ट्रेन के लिए एमएसटी की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।