बिहारीगंज में कब बजेगी ट्रेन की सीटी
बनमनखी—बिहारीगंज रेलखंड के आमान परिवर्तन का काम आखिर कब पूरा होगा, इस बात को लेकर रेलवे के अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं। कार्य की धीमी रफ्तार के कारण इस इलाके के लोगों में धीरे-धीरे आक्रोश...
बनमनखी—बिहारीगंज रेलखंड के आमान परिवर्तन का काम आखिर कब पूरा होगा, इस बात को लेकर रेलवे के अधिकारी कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं। कार्य की धीमी रफ्तार के कारण इस इलाके के लोगों में धीरे-धीरे आक्रोश पनपने लगा है। लगभग आठ दशक पुरानी इस इलाके की रेलसेवा आमान परिवर्तन के नाम पर 31 जनवरी 2016 से बंद है।
ठेकेदार और विभागीय पदाधिकारियों की उदासीनता से आमान परिवर्तन कार्य रूक- रूक कर कछुआ चाल में चल रहा है। रेल सेवा बंद होने से बिहारीगंज बाजार के व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ने के साथ लोगों को आवागमन की समस्या झेलनी पड़ रही है।
व्यवसायियों की मानें तो ट्रेन चलने से सीमावर्ती जिला पूर्णिया के रघुवंशनगर, बड़हरा कोठी, सुखसेना, औराही से जुड़े इलाके से अच्छी खासी संख्या में ग्राहक बिहारीगंज बाजार से कारोबार करते थे। ट्रेन बंद होने और सड़क संपर्क सुदृढ़ नहीं रहने के कारण ग्राहकों की संख्या घट गयी है।
आमान परिवर्तन कार्य का जायजा लेने और चल रही कार्यों को गति देने के क्रम में पूर्व में बिहारीगंज पहुंचे तत्कालीन डिप्टी चीफ इंजीनियर (निर्माण) ने कहा था कि कार्य में किसी तरह की प्राकृतिक बाधा नहीं आई तो मार्च 2017 तक रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जायेगा। लेकिन स्थिति यह है कि मार्च 2018 में भी आमान परिवर्तन कार्य पूरा नहीं हो पाया। रेलखंड का आमान परिवर्तन कार्य में उदासीनता के खिलाफ गत दिनों सीपीआई की ओर से बिहारीगंज रेलवे स्टेशन पर धरना प्रदर्शन किया गया। वहीं इलाके के लाखों लोगों में आमान परिवर्तन अधर में लटके रहने से आक्रोश है।