रेलयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। मालदा प्रशासन ने कुल आठ सौर ऊर्जा से संचालित इको फ्रेंडली डीईएमयू ट्रेन को जमालपुर, किऊल, भागलपुर, बेगूसराय, खगड़िया सहित मालदा मंडल में चलाने का निर्णय लिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि पूर्व रेलवे की पहली इको फ्रेंडली ट्रेन दिसंबर में जमालपुर से बेगूसराय व खगड़िया तक चलाई जाएगी।
नवंबर के अंतिम सप्ताह तक एक डीईएमयू कोच तैयार कर लिया जाएगा। यह जानकारी पूर्व रेलवे मालदा मंडल की डीआरएम तनू चंद्रा ने दी है। इस सोलर एनर्जी ट्रेन की एक बोगी में कुल आठ सोलर प्लेट लगाए जाएंगे। कुल आठ कोच में 64 प्लेट लगेंगे। इसकी अनुमानित कीमत 60 लाख रुपये होगी। दिनभर में सोलर प्लेट से प्रत्येक बोगी की बैट्री चार्ज होगी। दिन-रात सभी बोगियों के पंखे, बैट्री सौर ऊर्जा से चलेंगे। रात में लाइट से भी प्रत्येक बोगी जगमगाएगी। मेक इन इंडिया के तहत इको फ्रेंडली डीईएमयू ट्रेन पहली बार दिल्ली के सराय रोहिल्ला में चलाई गई थी।
अब इसका दूसरा डीईएमयू का मॉडिफिकेशन कर पूर्व रेलवे डीजल शेड जमालपुर तैयार कर रहा है। यहां की कुल आठ डीईएमयू ट्रेनों को इको फ्रेंडली डीईएमयू में बदल दिया जाएगा ताकि दिसंबर में पहली सौर ऊर्जा से संचालित इको फ्रेंडली डीईएमयू जमालपुर में दौड़ायी जा सके।
लाखों रुपये की होगी बचत: डीईएमयू को इको फ्रेंडली बनाकर ट्रेन चलाने पर रेलवे को प्रत्येक दिन लाखों रुपये की बचत होगी।
एक अनुमान है कि आने वाले 25 सालों में हर ट्रेन से करीब 5.25 लाख लीटर डीजल बचाया जा सकता है। इससे प्रति ट्रेन करीब तीन करोड़ रुपये की बचत होगी।
बिजली होगी पैदा और प्रदूषण होगा कम : रेलवे के अनुसार सोलर ट्रेन से हर साल 239 टन कार्बन डाइऑक्साइड कम होगा। बीते वर्षों में रेलमंत्री ने बजट में कहा था कि 100 मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है, जो अब इको फ्रेंडली डीईएमयू ट्रेन चलने से सफल होता दिख रहा है। इस ट्रेन के चलने से बिजली की काफी हद तक बचत होगी।