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‘रेलवे का निजीकरण करने पर तुली है सरकार

भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। 164 वर्ष के दौरान भारतीय रेल में अभी 13 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। करीब 13 हजार यात्री रोज भारतीय रेल परिवहन का सस्ता व मुख्य साधन का सफर तय करते हैं। बावजूद...

‘रेलवे का निजीकरण करने पर तुली है सरकार
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरWed, 18 Jul 2018 01:22 AM
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भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। 164 वर्ष के दौरान भारतीय रेल में अभी 13 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। करीब 13 हजार यात्री रोज भारतीय रेल परिवहन का सस्ता व मुख्य साधन का सफर तय करते हैं। बावजूद इसके केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार रेलवे को निजीकरण करने पर तुली है।

पूरे देश में इसका विरोध शुरू हो गया है। रेलवे को निजीकरण की दिशा में चल रही गंदी राजनीति हम कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह बातें पूर्व रेलवे ईस्टर्न रेलवे (ईआरएमयू) कोलकाता के महामंत्री एसके बंदोपाध्याय ने मंगलवार को ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन (ईआरएमयू) शाखा जमालपुर (कारखाना) की ओर से केंद्रीय मांगों लेकर आयोजित सभा व बैठक में कहीं। सुबह 6 बजे कारखाना गेट संख्या छह पर नुक्कड़ सभा आयोजित थी। 11 बजे ईआरएमयू कार्यालय में यूनियन बोर्ड तथा युवा कार्यकर्ताओं की बैठकें आयोजित की गई थी। सभा की अध्यक्षता शाखाध्यक्ष विश्वजीत कुमार ने की। संचालन सचिव वीरेंद्र प्रसाद ने किया।

महामंत्री एसके उपाध्याय ने कहा कि न्यूनतम वेतन, फिटनेस फार्मूला, न्यू अंशदायी पेंशन योजना, निजीकरण और 7वां वेतन में विसंगती पर सरकार हमारी बात को न समझना चाहती है और न ही मांगों को पूरा करने के प्रति रुचि दिखा रही है। केंद्रीय कार्यकारिणी अध्यक्ष अमित कुमार घोष ने कहा कि रेलवे में 2.5 लाख पद रिक्त हैं। आउटसोर्सिंग और कर्मचारियों की समस्याएं मुंह बाए खड़ी है। अब नमो सरकार में रेलमंत्रालय रेलवे में महापरिर्वतन करना चाहती है। डॉ. विवेक देवराय आयोग ने रेलवे से स्वास्थ्य (होस्पीटल), सुरक्षा (आरपीएफ) और शिक्षा (रेलवे स्कूल) को समाप्त करने की दिशा में अपनी रिपोर्ट जारी कर लागू कराने पर तुली है। केंद्रीय कोषाध्यक्ष दिलीप दत्त चौधरी ने कहा कि केंद्र की नीति कर्मचारी विरोधी है। हमें चट्टानी एकता का परिचय देना होगा, तभी नींद में सोई नमो सरकार जागेगी।

कारखाने का भी किया निरीक्षण : ईआरएमयू के केंद्रीय पदाधिकारियों ने जमालपुर कारखाने के विभिन्न शॉप का निरीक्षण किया तथा कर्मचारियों से उनकी समस्याएं सुनीं। महामंत्री एसके बंदोपाध्याय ने कहा कि सबसे पहले कर्मचारी का सेफ्टी जरूरी है। सुरक्षात्मक कार्य को लेकर कोलकाता के वरीय अधिकारियों से वार्ता करेंगे। उन्होंने कारखाने में लगातार हो रही घटना-दुर्घटना पर चिंता वक्त की। उन्होंने कहा कि काम के दौरान सुरक्षा बहुत जरूरी है।

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