मुंगेर रेल सह सड़क पुल के एप्रोच पथ का निर्माण कराने के लिए एजेंसी को छह पुरुष पुलिस और दो महिला पुलिस बल उपलब्ध कराया गया है। हालांकि उसके बाद भी रविवार को प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह सदर सीओ के नहीं आने के कारण दूसरे दिन भी निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका।
शनिवार को लाल दरवाजा के टोपोलैंड धारी के रैयतों ने एप्रोच पथ की निर्माण एजेंसी को काम करने से रोक दिया था। इसके बाद एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सूरज प्रकाश ने जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी दी। तो जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल को कार्य कराने के लिए प्रतिनियुक्त कर दिया।
मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति से कार्य हुआ प्रभावित : गंगा रेल-सह-सड़क पुल के एप्रोच पथ का निर्माण कर रही पंजाब के पंचकुला की एसपी सिंघला एजेंसी के टीम लीडर ने बताया कि मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति के कारण रविवार को कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। एनएचएआई की मांग पर जिला प्रशासन ने दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल को प्रतिनियुक्त किया है। रविवार को पुलिस बल कार्य स्थल पर पहुंचे। लेकिन दंडाधिकारी के नहीं पहुंचने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। उल्लेखनीय है कि एप्रोच पथ के निर्माण से मुंगेर उत्तर बिहार से जुड़ जाएगा। वर्तमान में सड़क के रास्ते मुंगेर से खगड़िया और बेगूसराय जाने के लिए लोगों को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी तय कर करनी पड़ती है। एप्रोच पथ का निर्माण हो जाने के बाद यह दूरी महज 50 किलोमीटर हो जाएगी।