मुजफ्फरपुर जंक्शन पर आठ फर्जी रेल टिकट के साथ धराया
आठ फर्जी रेल टिकट के साथ जंक्शन पर जीआरपी ने एक युवक को गिरफ्तार किया जबकि उसका साथी फरार हो गया। इस संबंध में सिपाही गोरेलाल कुमार के बयान पर दोनों पर जीआरपी थाने में एफआईआर दर्ज की गई...
आठ फर्जी रेल टिकट के साथ जंक्शन पर जीआरपी ने एक युवक को गिरफ्तार किया जबकि उसका साथी फरार हो गया। इस संबंध में सिपाही गोरेलाल कुमार के बयान पर दोनों पर जीआरपी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। गिरफ्तार आरोपित दशरथ सहनी सरैया थाना के अजितपुर का रहने वाला है। फरार शिवचंद्र सहनी भी उसी गांव का रहने वाला है। मंगलवार को गिरफ्तार आरोपित को सोनपुर के रेलवे कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जीआरपी थानाध्यक्ष अच्छेलाल सिंह यादव ने बताया कि सोमवार की देर शाम टीम जनरल टिकट काउंटर पर गश्त लगा रही थी। सीनियर सिटीजन्स काउंटर के पास टीम पहुंची तो कतार के पास खड़े दो युवक भागे। एक को पकड़ लिया गया। तलाशी लेने पर उसके पास से 11 जनरल टिकट मिले। आठ जनरल टिकट फर्जी थे। फर्जी टिकट मुजफ्फरपुर से गुजरात के उधना व वलसाड़ तक के थे जबकि तीन सही टिकट मुजफ्फरपुर से उधना तक के थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि फरार आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। दशरथ व शिवचंद्र लंबे समय से फर्जी टिकट के धंधे में शामिल हैं। पूर्व में शिवचंद्र पकड़ा भी गया था।
यशवंतपुर व श्रमिक एक्सप्रेस के यात्रियों को बनाया शिकार
दशरथ व शिवचंद्र ने सोमवार को यशवंतपुर एक्सप्रेस व श्रमिक एक्सप्रेस के दर्जनों यात्रियों के साथ ठगी की। छानबीन में पाया गया कि दोनों ने तुर्की से मुजफ्फरपुर व अन्य स्टेशनों के लिए दर्जनों जनरल टिकट लिया। इसके बाद प्रारंभिक व अंतिम स्टेशन, किमी व किराया को बहुत बारीकी से मिटाया। इसके लिए ब्लेड की मदद ली। उक्त टिकट को मुजफ्फरपुर से यशवंतपुर, बलसाड़ व उधना का टिकट बनाया। दस से बीस रुपये के टिकट को साढ़े तीन सौ रुपये का टिकट बनाया गया। मुहर की मदद से स्टेशनों का नाम, किमी व किराया परिवर्तित किया गया।
गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद भी रेलवे को सूचना नहीं
जनरल टिकट फर्जीवाड़ा के मामले में आरोपित की गिरफ्तारी व आठ फर्जी टिकट के बरामद होने की सूचना रेलवे के वाणिज्य विभाग को 24 घंटे के बाद भी नहीं थी। उप वाणिज्य निरीक्षक धनंजय कुमार ने मंगलवार की देर शाम में मामले की जानकारी से इंकार किया। फर्जी टिकट का धंधा चलाने वाला रैकेट जंक्शन से ट्रेन पर सवार होने वाले यात्रियों को शिकार बना रहा है। इससे यात्रियों के साथ रेलवे के राजस्व को भी चूना लग रहा है।