नदीम को टीम में जगह नहीं मिलने प्रशंसक हुए मायूस

- शाहबाज नदीम को रांची टेस्ट मैच में कुलदीप यादव के जगह पर जगह मिली थी

- घरेलू मैदान में शाहबाज पहली पारी में दो एवं दूसरी पारी में भी दो झटके थे

- माही और कोच रवि शास्त्री ने शाहबाज के शानदार परफार्मेंस की प्रशंसका की थी

मुजफ्फरपुर। खेल संवाददाता/धीरज कुमार सिंह

भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच रांची में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच में शानदार परफार्मेंस करने वाले मुजफ्फरपुर के शाहबाज नदीम को बांग्लादेश खिलाफ होने वाली ट्वेंटी-20 और फिर टेस्ट शृंखला के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिलने यहां के प्रशंसक मायूस हो गए।

बीसीसीआई के चयनकर्ताओं ने गुरुवार को टीम की घोषणा की। शाहबाज नदीम को रांची खेले गए टेस्ट मैच में कुलदीप यादव के जगह पर जगह मिली थी।

शाहबाज ने टेस्ट मैच में पदार्पण करते हुए अपने घरेलू मैदान में पहली पारी में दो एवं दूसरी पारी में भी दो झटके थे। इस शानदार परफार्मेंस पर माही ने ड्रेसिग रूम में आकर उन्हें बधाई दी थी। फिर कोच रवि शास्त्री भी उनके प्रदर्शन से काफी प्रभावित हुए। इस लेफ्ट आर्म स्पिनर ने कहा, अपने प्रदर्शन से मैं खुश हूं। इसके लिए मैं लंबे समय से इंतजार कर रहा था और जब मुझे टेस्ट मैच मौका मिल गया।

हालांकि, मुजफ्फरपुर क्रिकेट से शाहबाज का कभी नाता नहीं रहा। शहर में जन्में शाहबाज बचपन से ही धनबाद और बोकारों में रहे। उनके पिता जावेद महमूद झारखंड में डीएसपी पर रहे। झारखंड अंडर-14, 16, विजय हजारे एवं रणजी ट्रॉफी टीम में शाहबाज प्लेइंग इलेवन रहे। रणजी ट्रॉफी में महेन्द्र सिंह धौनी के साथ नदीम कई बार खेले। वेस्टइंडीज के खिलाफ शाहबाज भारतीय टीम के हिस्सा बने थे। लेकिन, उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला।

वेस्टइंडीज से लौटने के बाद शाहबाज मुजफ्फरपुर लौटे थे जहां आरडीएस कॉलेज मैदान में बबलू इलेवन क्रिकेट एकेडमी के खिलाड़ियों ने उनका स्वागत भी किया था।

एक अर्से के बाद रांची टेस्ट में शाहबाज को शामिल किये जाने के बाद मुजफ्फरपुर के क्रिकेटरों में खुशी की लहर दौड़ गई। चंदबारा विन्देश्वरी कम्पाउंड आवास पर शाहबाज के पिता जावेद महमूद और मां हुस्न आरा अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, अर्से मुझे इसी पल इंतजार था। रांची टेस्ट में पहली पारी में दो विकेट मिलने के बाद शहर के कई इलाकों में पटाखे छुटने लगे। लेकिन, गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम में जगह नहीं मिलने पर उनके माता-पिता समेत यहां क्रिकेट प्रशंसकों की खुशी फिर से मायूसी में बदल गई।

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