कारों पर GST कम होने के आसार कम, सेल कम होने से घटा टैक्स कलेक्शन 

बिक्री में भारी गिरावट झेल रहे वाहन उद्योग को जीएसटी की दरों में राहत मिलने के आसार कम हैं। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी की फिटमेंट कमेटी करीब 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान को देखते हुए टैक्स...

Sheetal Tanwar विशेष संवाददाता, नई दिल्ली
Tue, 10 Sept 2019, 12:16:PM

बिक्री में भारी गिरावट झेल रहे वाहन उद्योग को जीएसटी की दरों में राहत मिलने के आसार कम हैं। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी की फिटमेंट कमेटी करीब 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान को देखते हुए टैक्स दरों में कटौती के पक्ष में नहीं है।

हालांकि वाहन कंपनियां टैक्स में कमी की लगातार गुहार लगा रही हैं। ऐसे में टैक्स में कमी का अंतिम फैसला सरकार अपने स्तर पर ले सकती है। अगर टैक्स में कमी का कोई फैसला होता भी है तो अधिभार में कोई कटौती संभवत: नहीं होगी। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को समिति की बैठक में इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि वाहन उद्योग को जीएसटी दरों में कटौती कर राहत दिया जाए। समिति का मानना है कि वाहनों पर जीएसटी दरों में कटौती करने से 50 हजार करोड़ रुपये और सहायक कंपनियों पर जीएसटी घटाने से करीब 22 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इससे सालाना करीब तीन लाख करोड़ रुपये राजस्व नुकसान होगा। वाहन उद्योग ने गाड़ियों पर 28 फीसदी जीएसटी घटाकर 18 फीसदी करने की मांग की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी जीएसटी घटाने पर विचार का आश्वासन दिया था।

पहले से कम है टैक्स का बोझ
तर्क है कि जीएसटी लागू होने से पहले के मुकाबले कर कम है। जीएसटी से पहले गाड़ियों पर 32 फीसदी से 54 फीसदी तक सर्विस टैक्स लगता था। वहीं जीएसटी लागू होने के बाद यह 29 फीसदी से 46 फीसदी के बीच में है।

 

सेल घटने से कम हुआ टैक्स कलेक्शन
वाहन उद्योग में सुस्ती होने से कर संग्रह में हर महीने 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की जा रही है। मासिक वसूली 15 हजार करोड़ रुपये की जगह महज 10 से 11 हजार करोड़ रुपये रह गई है। आने वाले दिनों में भी मांग नहीं बढ़ने से कर कटौती का फायदा भी नहीं मिलने की संभावना है। इसको देखते हुए फिटमेंट कमेटी जीएसटी की दरों में कम करने के पक्ष में नहीं है। 28 फीसदी की स्लैब में पहले ही 34-35 वस्तुएं ही रह गई हैं और इससे नीचे की स्लैब 18% है।10 फीसदी टैक्स घटने से बड़ी कमी होगी।

खजाने की चिंता
जीएसटी संग्रह अगस्त में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में यह 1.02 लाख करोड़ रुपये था। जबकि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 में 10 फीसदी अधिक जीएसटी संग्रह का लक्ष्य तय किया है। लेकिन, पहले पांच महीने में 6.4 फीसदी ही वृद्धि दर्ज की गई है। अगर इसी गति से आने वाले महीनों में भी जीएसटी संग्रह रहा तो सरकार अपने लक्ष्य से 40 हजार करोड़ रुपये पीछे रह सकती है।

वाहन क्षेत्र में रोजगार बचाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। हमें सिर्फ वाहन क्षेत्र को बचाने के लिए कदम उठाने की नहीं बल्कि देश में 50 प्रतिशत विनिर्माण क्षेत्र की नौकरियां बचाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। -किरन मजूमदार शॉ, बायोकॉन की चेयरपर्सन और एमडी

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