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हिन्दुस्तान विशेष: 10 हजार रुपये में बिक रहा है NEET के छात्रों का डाटा

NEET : एमबीबीएस की काउंसलिंग ( mbbs counselling ) प्रक्रिया खत्म होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, शिक्षा के दलाल सक्रिय होते जा रहे हैं। छात्रों की NEET रैंकिंग, अंक और मोबाइल नंबर चार से 10...

हिन्दुस्तान विशेष: 10 हजार रुपये में बिक रहा है NEET के छात्रों का डाटा
स्कन्द विवेक धर,नई दिल्लीThu, 22 Aug 2019 01:40 PM
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NEET : एमबीबीएस की काउंसलिंग ( mbbs counselling ) प्रक्रिया खत्म होने की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, शिक्षा के दलाल सक्रिय होते जा रहे हैं। छात्रों की NEET रैंकिंग, अंक और मोबाइल नंबर चार से 10 हजार रुपये में खुलेआम बेचे जा रहे हैं। ‘हिन्दुस्तान' ने अपनी जांच में ऐसी 15 वेबसाइट खोज निकाली हैं। मालूम हो कि इस समय एमबीबीएस की काउंसलिंग का मॉप-अप राउंड चल रहा है। काउंसिल की पूरी प्रक्रिया 31 अगस्त तक पूरी होनी है। .

mbbs counselling की अंतिम तारीख नजदीक आने के साथ ही छात्र-छात्राओं के पास निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए और दूसरे देशों के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए दलालों के फोन आने लगे हैं। दलालों के पास छात्र का नाम, अंक, रैंक, बोर्ड, माता-पिता का नाम, मोबाइल नंबर, पता और ईमेल आईडी समेत वे सभी जानकारियां मौजूद होती हैं, जो वे नीट का आवेदन करते समय देते हैं। 

NEET में होने वाली गड़बड़ियों पर नजर रखने वाले एक्टिविस्ट विवेक पांडेय ने बताया कि हमने अब तक ऐसी 15 वेबसाइट ढूंढ ली है, जो इस समय छात्रों का नीट का डाटा बेच रही हैं। नीट के अलावा छात्रों के 12वीं और 10वीं का डाटा भी धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। छात्रों का ये गोपनीय डाटा महज चार हजार रुपए से 10 हजार रुपए में दलालों को बेच दिया जा रहा है। 

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एक दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा 
नीट का डाटा लीक होने के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी कहते हैं कि केंद्र के स्तर पर डाटा पूरी तरह सुरक्षित है। डाटा यहां से लीक नहीं हुआ है। संभवत: राज्य के मेडिकल शिक्षा निदेशालयों (डीएमई) से यह डाटा लीक हुआ होगा। वहीं, डीएमई के अधिकारी व्यवस्था को चाकचौबंद बताते हैं। उन्होंने कहा कि डाटा उनके यहां से लीक नहीं होता। हो सकता है कोचिंग संस्थानों ने यह डाटा एकत्र कर इसे बेच दिया हो। 

- 12वीं और दसवीं के छात्रों का डाटा भी बेच रहे.
- 15 वेबसाइट पर रैंक, नंबर आदि बिक रहे.
- 2018 में हुआ खुलासा, फेसबुक ने 2012-14 के बीच 8.7 करोड़ यूजर का डाटा बेचा
 
- ई-कॉमर्स उठा रहा फायदा 
सोशल मीडिया डाटा से जुटाई जानकारी के आधार पर ई-कॉमर्स कंपनियों ने वर्ष 2017 में 6,70,000 करोड़ डॉलर की कमाई की। ये कंपनियां यूजर की रुचि के आधार पर उन्हें विज्ञापन दिखाती हैं।
- निजी डाटा से छेड़छाड़ मामले में यूरोपीय संघ ने फेसबुक पर पांच खरब डॉलर का जुर्माना लगाया ’    - ट्विटर, गूगल को भी निजी डाटा चोरी के आरोप में जुर्माना देना पड़ा

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इन आठ तरीकों से बच सकते हैं
1. पासवर्ड नियमित रूप से बदलें। 
2. अनजान लोगों के खातों के ईमेल के अटैचमेंट न खोलें। 
3. अनजान लोगों से अपना पासवर्ड साझा न करें। 
4. दूसरी साइट पर जाने के लिए गूगल या फेसबुक के इस्तेमाल से बचें। 
5. ब्राउजर बंद करने के बदले अकाउंट से निकलने को लॉग-आउट करें। 
6. स्मार्टफोन व कंप्यूटर पर एप अपडेट करते रहें। 
7. एंटी-वायरस के साथ एंटीमालवेयर इंस्टॉल करना न भूलें। 
8. पब्लिक वाईफाई कनेक्शन का प्रयोग करने से बचें।
  
इसलिए आपकी डाटा की सुरक्षा जरूरी है
एक दौर था जब वैश्विक महाशक्तियां अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए अपने व दूसरे देशों के लोगों पर कब्जा करना चाहती थीं। युग बदला और हमने इंटरनेट की दुनिया में प्रवेश किया। आज जनमानस को प्रभावित करने के लिए उन्हें गुलाम बनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि उनकी डिजिटल प्रोफाइल को जानना ही काफी है। आपका डाटा सिर्फ बाजार के लिए ही उपयोगी नहीं है, बल्कि कई देशों की सरकारें भी इसमें सेंध लगाकर अपना किला मजबूत करने में जुटीं हैं।

अरबों का है बाजार
- हर वेबसाइट अपने यूजर का कुछ डाटा सेव करती है 
- इस डाटा को कई कंपनियां डाटा अध्ययनकर्ता कंपनियों को बेचकर मुनाफा कमाती हैं 
- इसी डाटा के जरिए लोगों की निजी रुचि के बारे में पता लगाया जाता है 
- आप कौन सा ब्रांड पसंद करते हैं, क्या खाना पसंद है, कहां घूमना चाहते हैं
- आपकी सामाजिक व राजनीतिक सोच क्या कहती है 
- ये डाटा कंपनियों और राजनीतिक दलों को बेचकर कमाई करती है

सख्त कानून जरूरी 
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने बताया कि नीट का जो डाटा बिक रहा है, वह पहचान का डाटा है। यानी वह डाटा जिससे किसी की पहचान की जा सके। ऐसे डाटा की सुरक्षा सबसे जरूरी होती है। हमारे देश की समस्या ये है कि यहां कोई डाटा प्रोटेक्शन का कानून ही नहीं है। यूरोप में डाटा कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।
 

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