UPSC Civil Services Prelims Exam 2020 : सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका के जवाब में यूपीएससी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दायर कर कहा कि वह पहले ही इस परीक्षा के आयोजन में 50 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है, अगर आगे फिर से इस परीक्षा को टाला जाता है तो इससे सरकारी पैसे का बड़ा नुकसान होगा। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का यह हलफनामा बुधवार को होने वाली सुनवाई से पहले आया। इससे पहले यूपीएससी ने शीर्ष अदालत में कहा था कि परीक्षा को स्थगित करना असंभव है। यूपीएससी अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिका में देश में तेजी से कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और कई राज्यों में भयंकर बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई है।
यूपीएससी ने हलफनामे में कहा है कि कोविड-19 महामारी के चलते वह कई भर्ती परीक्षाएं स्थगित कर चुका है। लेकिन सरकारी सेवाओं में खाली पड़े अहम पदों को भरने के लिए सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2020 का होना बहुत जरूरी है। आयोग ने कहा कि वह परीक्षा स्थगित करने की मांग का इसलिए भी विरोध कर रहा है क्योंकि 4 अक्टूबर तक ही परीक्षा अधिकतम स्थगित की जा सकती थी। इससे ज्यादा परीक्षा टाली नहीं जा सकती। अगर डेट फिर से आगे बढ़ती है तो सिविल सेवा मुख्य परीक्षा और वर्ष में प्रस्तावित अन्य भर्ती परीक्षाओं का शेड्यूल प्रभावित होगा।
UPSC ने SC में कहा- असंभव है सिविल सर्विस प्री परीक्षा को स्थगित करना
यूपीएससी के संयुक्त सचिव (परीक्षा) राज कुमार द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया है, "परीक्षा टलने से कैलेंडर के सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि भविष्य में इसके व्यापक दुष्प्रभाव की संभावना है। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के अलावा अन्य भर्ती परीक्षाओं का सेकेंड स्टेज व इंटरव्यू इस वर्ष होने हैं। अगर 4 अक्टूबर से डेट आगे बढ़ी तो सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 जो कि 27 जून 2021 को होनी, वह भी आगे बढ़ जाएगी।''
हलफनामे के मुताबिक, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 के लिए 10 लाख से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है। रजिस्टर्ड आवेदकों में से साढ़े छह लाख से ज्यादा (करीब 65 फीसदी) अभ्यर्थी सोमवार तक एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं। परीक्षा की तैयारी पूरी हो चुकी है। परीक्षा सामग्री, अटेंडेंस शीट, इनविजिलेटर व सुपरवाइजर की लिस्ट संबंधित परीक्षा केंद्रों में भेजी जा चुकी है। परीक्षा 2,569 केंद्रों पर होनी है। कैबिनेट सचिव और यूपीएससी सचिव ने सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि अभ्यर्थियों को 3 अक्टूबर और 4 अक्टूबर को परिवहन की उचित सुविधा मुहैया कराई जाए ताकि उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में कोई दिक्कत न हो। सभी परीक्षा केंद्रों में जैमर लगाए जा चुके हैं।
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा स्थगित करने को लेकर SC में सुनवाई
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2020 पहले 31 मई को होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते आयोग ने इसे स्थगित कर 4 अक्टूबर को निर्धारित कर दिया था।
यूपीएससी ने परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए एग्जाम में मास्क या फेस कवर पहनना अनिवार्य बना दिया है। आयोग ने कहा है कि परीक्षार्थी पारदर्शी बोतलों में सैनिटाइजर भी ला सकते हैं। बिना मास्क के किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी। परीक्षार्थियों को कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। उन्हें परीक्षा हॉल/कमरों के साथ परिसरों में भी सामाजिक दूरी का पालन करना होगा।
याचिकाकर्ताओं ने सिविल सेवा परीक्षा परीक्षा को दो से तीन महीने के लिये स्थगित करने का अनुरोध किया है ताकि उस समय तक बाढ़ और लगातार बारिश की स्थिति में सुधार हो जायेगा और कोविड-19 संक्रमण भी कम हो जायेगा। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि महामारी की स्थिति में परीक्षा आयोजित कराना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य एवं जीवन के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के जरिए इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज (आईएएस), भारतीय पुलिस सर्विसेज (आईपीएस) और भारतीय फॉरेन सर्विसेज (आईएफएस), रेलवे ग्रुप ए (इंडियन रेलवे अकाउंट्स सर्विस) सहित अन्य सेवाओं के लिए चयन किया जाता है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों -- प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार-- में आयोजित की जाती है। मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर फाइनल मेरिट लिस्ट जारी होती है।