बिहार के स्वाभिमान की लड़ाई है फिल्म 'किरकेट'-Video
भईया ये बिहार है.. यहां क्रिकेट नहीं किरकेट होता है...। जहां 11 बिहारी जुटे, टीम नहीं राजनीतिक पार्टी बन जाती है। फिर मैच नहीं राजनीति शुरू हो जाती है। पहले भी खूब हुई। अब भी जारी है राजनीति...।...
भईया ये बिहार है.. यहां क्रिकेट नहीं किरकेट होता है...। जहां 11 बिहारी जुटे, टीम नहीं राजनीतिक पार्टी बन जाती है। फिर मैच नहीं राजनीति शुरू हो जाती है। पहले भी खूब हुई। अब भी जारी है राजनीति...। नतीजा, क्रिकेट मैदान में नहीं अदालत में और बयानबाजियों में खेली जा रही है। बहुत नुकसान हुआ है बिहारी क्रिकेटरों का। कब थमेगा क्रिकेट में राजनीति का यह दौर?
फिल्म किरकेट का यह महत्वपूर्ण डायलॉग है। गुरुवार को यह सिनेपोलिस में गुंज रही थी। फिल्म का प्रीमियर गुरुवार को रखा गया था। यह फिल्म टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी और पूर्व सांसद कीर्ति आजाद के इर्द-गिर्द घूमती है। बिहार से झारखंड अलग होने के बाद छिनी बिहार क्रिकेट की मान्यता और उसके बाद संघों की आपसी जंग की गतिविधियों पर आधारित है फिल्म किरकेट। फिल्म 'किरकेट' की कहानी क्रिकेट में व्याप्त भ्रष्टाचार और खेल के पीछे राजनीति से संघर्ष करते हुए कीर्ति आजाद द्वारा क्रिकेट खेलने के लिए चुने गये 11 खिलाड़ियों के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म 'किरकेट - बिहार के अपमान से सम्मान तक' बिहार के स्वाभिमान को बुलंद करने वाली है। फिल्म के जरिए खेलों के प्रति जागृति लाने की कोशिश की गई है, जो सराहनीय है। बिहार में क्रिकेट की जैसी स्थिति है, शायद इस फिल्म को देखकर लोग प्रभावित होंगे।
फिल्म में बिहार का इमोशन जो कहीं न कहीं दब गया था, वो देखने को मिला है। सधी हुई शुरूआत के बाद फिल्म की कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे फिल्म का एंटरटेनमेंट लेवल बढ़ता है। फिल्म के डायरेक्टर योंगेंद्र सिंह ने एक बेहद गंभीर फिल्म को पूरी सहजता के साथ पर्दे पर उतार दिया है।
कीर्ति आजाद के अलावा फिल्म में विशाल तिवारी, सोनम छाबड़ा, सोनू झा, देव सिंह, सैफल्ला रहमानी, अजय उपाध्याय, रोहित सिंह मटरू, आलोक कुमार, धामा वर्मा जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। नेता होते हुए कीर्ति आजाद ने कमाल का अभिनय किया है। उन्होंने फिल्म में जो सेंटीमेंट पैदा की है, वह अनायास ही हमें ताली बजाने को मजबूर कर देता है। यह फिल्म 18 अक्टूबर से सिनेमाघरों में होगी।