बंगलुरु की ट्रेन फिसली, जयनगर की उम्मीद कायम
धनबाद से बंगलुरु के बीच नई ट्रेन चलाने की उम्मीद पर एक बार फिर पानी फिर गया...
धनबाद से बंगलुरु के बीच नई ट्रेन चलाने की उम्मीद पर एक बार फिर पानी फिर गया है। धनबाद-चंद्रपुरा लाइन बंद होने के कारण धनबाद रेल मंडल ने आसनसोल होकर बंगलुरु की ट्रेन चलाने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन मुंबई में चल रही तीन दिवसीय नेशनल टाइम टेबल कमेटी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बैठक में धनबाद से जयनगर और धनबाद से आनंद विहार (दिल्ली) की ट्रेन चलाने पर भी चर्चा होनी है।
धनबाद डिवीजन के साथ-साथ मुगलसराय रेल मंडल ने भी गया से गोमो-रांची होते हुए यशवंतपुर के लिए ट्रेन चलाने की मांग की थी, लेकिन इस मांग को भी कमेटी ने तवज्जो नहीं दी। धनबाद डिवीजन की ओर से 22911 इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस के समय में परिवर्तन कर इसे सप्ताह में तीन दिन के बदले सातों दिन चलाने की भी मांग की गई। इस प्रस्ताव पर चर्चा जारी है। 22 फरवरी से शुरू हुई बैठक 25 फरवरी तक चलेगी। बैठक में धनबाद से जयनगर और धनबाद से आनंद विहार के बीच नई ट्रेन चलाने के प्रस्तावों पर भी चर्चा होनी है। साथ ही धनबाद-एलेप्पी एक्सप्रेस में भी बोगियों की संख्या बढ़ाकर 22 करने की मांग की गई है। अभी एलेप्पी मात्र 14 बोगियों के साथ चलती है। अब देखना है कि धनबाद डिवीजन की मांगों पर कमेटी कितनी उदारता दिखाती है। कमेटी की सहमति पर रेलवे बोर्ड की मुहर लगते ही ट्रेन धनबाद की झोली में आ जाएगी।
दिल्ली की 90 वेटिंग टिकट रोज होंती हैं रद
धनबाद से भेजे गए प्रस्ताव में धनबाद से दिल्ली के लिए नई ट्रेन चलाने की मांग की गई है। तर्क दिया गया है कि धनबाद से हर दिन सैकड़ों लोग दिल्ली जाते हैं। हावड़ा और सियालदह से चलने वाली सभी ट्रेनों को मिलाकर धनबाद से दिल्ली के लिए स्लीपर में 240, एसी थ्री में 64 और एसी टू में 29 सीटों का कोटा है। जबकि धनबाद से कोडरमा के बीच हर दिन दिल्ली जाने वाले 70 से 90 लोग अपना वेटिंग टिकट कैंसिल कराते हैं। यदि दिल्ली के लिए धनबाद से नई ट्रेन चले तो यात्रियों को सुविधा के साथ-साथ राजस्व की भी आमदनी होगी।
बंगलुरु की इसलिए मांगी गई थी ट्रेन
धनबाद डिवीजन ने यशवंतपुर (बंगलुरु) के लिए नई ट्रेन देने की मांग की थी। डिवीजन ने मुख्यालय को बताया है कि एक अनुमान के मुताबिक धनबाद से हर दिन औसतन 390 लोग बंगलुरु और आसपास के स्टेशनों पर जाते हैं। जबकि धनबाद से बंगलुरु के लिए एक भी सीधी ट्रेन नहीं है। बंगलुरु के लिए धनबाद को ट्रेन मिलती तो दक्षिण भारत के लिए ठोस विकल्प मिल जाती।