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नई ट्रेन चलाने की मंजूरी के साथ-साथ मांगी गई बोगियां

सीसीएम विष्णु कुमार के आश्वासन से उत्साहित धनबाद रेल मंडल ने एक बार फिर धनबाद से दिल्ली और धनबाद से जयनगर की ट्रेन चलाने का प्रयास शुरू कर दिया है। धनबाद डिवीजन ने शुक्रवार को दोनों ट्रेनों का नए...

नई ट्रेन चलाने की मंजूरी के साथ-साथ मांगी गई बोगियां
हिन्दुस्तान टीम,धनबादSat, 18 Nov 2017 01:58 AM
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सीसीएम विष्णु कुमार के आश्वासन से उत्साहित धनबाद रेल मंडल ने एक बार फिर धनबाद से दिल्ली और धनबाद से जयनगर की ट्रेन चलाने का प्रयास शुरू कर दिया है। धनबाद डिवीजन ने शुक्रवार को दोनों ट्रेनों का नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेजा। पत्र की कॉपी पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय हाजीपुर को भी भेजी गई है।नई ट्रेन चलाने के लिए रेलवे बोर्ड से रेक (बोगियों) की भी मांग की गई है। पिछले एक साल में यह पांचवां मौका है जब रेलवे बोर्ड से दिल्ली के लिए नई ट्रेन मांगी गई है। इसी तरह धनबाद-चंद्रपुरा लाइन बंद होने के बाद धनबाद डिवीजन ने यहां से जयनगर के लिए नई ट्रेन चलाने से संबंधित कई प्रपोजल रेलवे बोर्ड और इसीआर मुख्यालय को भेजे हैं। नए प्रस्ताव में पहले के पत्रों का भी जिक्र किया गया है। राजनीतिक दबाव के बिना नई ट्रेन मुश्किलबार-बार नई ट्रेन का प्रस्ताव भेजने के बावजूद रेलवे बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिल पा रही है। सीसीएम और उनकी टीम के दो दिवसीय दौरे से नई ट्रेन की उम्मीद जरूर बंधी है, लेकिन अभी भी रेल अधिकारियों का मानना है कि नई ट्रेन पर मुहर तभी लगेगी जब रेल मंत्रालय के स्तर पर राजनीतिक दबाव बनाया जाय। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के प्रभाव के कारण ही नई दिल्ली दूरंतो धनबाद के हाथ से फिसल गई और इसे फरवरी से जसीडीह होकर चलाया जाना है। रांची-जयनगर एक्सप्रेस को आनन-फानन में धनबाद की बजाय दूसरे रूट से चलाने का श्रेय भी गोड्डा सांसद को ही जाता है। यदि राजनीतिक दबाव नहीं बनाया जाता तो धनबाद को नई ट्रेन मिलना आसान नहीं होगा।रेक मिली तो भागलपुर की ट्रेन की भी जगेगी उम्मीदधनबाद से जयनगर के लिए यदि नई ट्रेन चलाने की मंजूरी मिलती है तो इसके लिए नई रेक (बोगियां) भी मिलेगी। रेलवे बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक धनबाद से इस ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन चलाने की मंजूरी मांगी गई है। लिहाजा बाकी तीन दिन इस खाली रेक को धनबाद से भागलपुर के बीच भी चलाया जा सकता है। डीसी लाइन बंद होने से पहले वाया झाझा-किऊल-जमालपुर होकर सप्ताह में तीन दिन रांची-भागलपुर के बीच ट्रेन चलती थी। इस रूट और टाइम पर अभी भी कोई ट्रेन नहीं चल रही है।

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