रद्द ट्रेन के टिकट का 45 दिन तक पूरा रिफंड
कोरोना की वजह से ट्रेन से लेकर टिकटों को रद्द कराने की होड़ को देखते हुए रेलवे ने नया रिफंड नियम जारी किया है। यह रूल 21 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के लिए लागू...
कोरोना की वजह से ट्रेन से लेकर टिकटों को रद्द कराने की होड़ को देखते हुए रेलवे ने नया रिफंड नियम जारी किया है। यह रूल 21 मार्च से 15 अप्रैल 2020 के लिए लागू रहेगा।
सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी करने के बाद अब रेलवे ने भी अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। रेलवे स्टेशन और रिजर्वेशन काउंटर पर भीड़ कम करने के लिए रेलवे ने टिकट रिफंड सिस्टम में कई बदलाव किए हैं। ई-टिकट रद्द कराने और रिफंड के किसी भी नियम में बदलाव नहीं किया गया है। टिकट रिफंड रूल्स में यह नियम 21 मार्च से लेकर 15 अप्रैल 2020 के लिए लागू होगा, जिन्होंने रेलवे काउंटर से टिकट खरीदा है।
रेलवे ने कहा कि ऐसे केस में यात्रा की तारीख से 45 दिनों के भीतर टिकट जमाकर काउंटर से रिफंड लिया जा सकता है। पहले यह नियम तीन घंटों के लिए ही था। यदि ऐसी कोई स्थिति आती है, जहां रेलवे ने ट्रेन रद्द नहीं की है, लेकिन पैसेंजर यात्रा नहीं करना चाहता है तो यात्रा की तारीख से 30 दिनों के अंदर टिकट डिपॉजिट रिसीप्ट (टीडीआर) फाइल करना होगा। पहले यह नियम केवल तीन दिनों के लिए था। इस टीडीआर को चीफ कॉमर्शियल मैनेजर क्लेम ऑफिस में सबमिट किया जा सकता है। टीडीआर फाइल करने के 60 दिनों के अंदर यात्रियों को रिफंड कर दिया जाएगा। ट्रेन चार्ट के माध्यम से सत्यापन करने के बाद ही रिफंड दिया जाएगा। पहले रिफंड का नियम केवल 10 दिनों के लिए था।
27 मार्च से पहले रद्द किए गए टिकट
टिकट जमा रसीद यात्री को यात्रा विवरण के साथ किसी भी जोनल रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक या मुख्य दावा अधिकारी के लिए एक फार्म भरकर दाखिल करना होगा। रिफंड राशि का लाभ उठाने के लिए 21 जून 2020 तक की अवधि तय की गई है। रेलवे एक उपयोगिता प्रदान करेगा जिसके माध्यम से यात्री ऐसी टिकटों को रद्द करने के दौरान कटौती की गई राशि की वापसी का लाभ उठा सकता है।