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चलती राजधानी एक्सप्रेस में हुआ नन्हीं परी का जन्म

घनघोर बारिश के बीच ‘थ्री इडियट’ फिल्म में महिला को प्रसव कराने का दृश्य तो कई लोगों ने देखा होगा। लेकिन 02454 नई दिल्ली रांची राजधानी एक्सप्रेस के बी 11 कोच बर्थ नम्बर 9 में इसका रियल सीन...

चलती राजधानी एक्सप्रेस में हुआ नन्हीं परी का जन्म
जाकिर हुसैन ,बरकाकाना।Sun, 03 Jan 2021 11:14 AM
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घनघोर बारिश के बीच ‘थ्री इडियट’ फिल्म में महिला को प्रसव कराने का दृश्य तो कई लोगों ने देखा होगा। लेकिन 02454 नई दिल्ली रांची राजधानी एक्सप्रेस के बी 11 कोच बर्थ नम्बर 9 में इसका रियल सीन रविवार सुबह बरकाकाना जंक्शन में देखने मिला। रेलवे डॉक्टर दीप्ति झा की टीम ने एक गर्भवती महिला मीना देवी को सुरक्षित प्रसव कराया। नवजात शिशु की रुलाई के शब्द गूंजते ही बोगियों में तालियां गूंज उठीं। चेहरों पर सभी के मुस्कान बिखर गई। इसके बाद 108 एम्बुलेंस से रेलवे अस्पताल बरकाकाना में प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रामगढ़ रेफर कर दिया गया। डॉक्टर की मानें तो नॉर्मल डिलीवरी हुई। बच्ची प्रीमैच्योर है। लेकिन जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

टोरी स्टेशन से ट्रेन गुजरने के बाद हुई प्रसव पीड़ा
महिला के पति अजय उरांव ने बताया कि वे धर्मपुर शिमला मजदूरी करने गया था। वहां से अपना पैतृक गांव विशनपुर, जिला गुमला अपनी पत्नी व बच्चे के साथ लौट रहे थे। तभी टोरी स्टेशन से ट्रेन गुजरने के बाद उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। प्रसव पीड़ा की बात पास ही बर्थ में बैठे पति व महिला सह यात्री को बताई। करीब 40 मिनट बाद ट्रेन बरकाकाना जंक्शन पहुंच गई। इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधक को दिया गया। तत्काल रेलवे अस्पताल को सूचना देकर मौके पर पहुंचने को कहा गया। त्वरित करवाई करते हुए मौके पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ दीप्ति झा अपने टीम के साथ पहुंची। इसके बाद सुरक्षित डिलीवरी कराई। उनके टीम में एसएम पीके गांगुली, टीआई विवेक कुमार, नर्स मुन्नी केरकेट्टा, टूकन आदि ने सराहनीय योगदान दिया। 

नन्हीं परी के स्वागत में एक घंटे 35 मिनट खड़ी रही राजधानी एक्सप्रेस
 बरकाकाना जंक्शन में नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस का स्टॉपेज मात्र 5 मिनट है। लेकिन नन्हीं परि के स्वागत में ट्रेन लगभग एक घंटा 35 मिनट खड़ी रही। यह ट्रेन बरकाकाना सुबह 7:15 में पहुंची थी। जबकि 8:50 बजे रांची के लिए प्रस्थान की। 

लगभग आधे घंटे के प्रयास से हुई डिलीवरी
मेडिकल टीम के देखरेख में चलती ट्रेन में ही बेडशीट का घेरा बनाया गया। प्रसव कराने की प्रक्रिया शुरू की गई और इसमें आशातीत सफलता भी मिली। नवजात के रूप में एक नन्हीं परी दुनियां में आई। 

रेलकर्मी, पैंट्री कार स्टाफ, कूली सभी ने की मदद
 ट्रेन में महिला के प्रसव कराने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। देखते देखते ट्रेन में सफर कर रहे सहयात्री, रेलकर्मी, पैंट्री कार स्टाफ, टीटीइ, स्टेशन मैनेजर और निबंधित कुली मौके पर पहुंच गए। इसके बाद सबों ने महिला के डिलीवरी और एम्बुलेंस तक सुरक्षित ले जाने में हर संभव मदद किया। 
 

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