तेज दर्द से पीड़ित मरीज को पेन किलर देना खतरनाक, NSS ने जारी की गाइडलाइन

तेज दर्द में राहत के लिए मरीज को पेन किलर देना खतरनाक साबित हो सकता है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएसएस) ने गाइडलाइन जारी कर डॉक्टरों को सलाह दी है कि क्रोनिक पेन यानी पुराने दर्द की...

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तेज दर्द से पीड़ित मरीज को पेन किलर देना खतरनाक, NSS ने जारी की गाइडलाइन
Manju Mamgain एजेंसी , लंदन
Thu, 8 Apr 2021 10:44 AM

तेज दर्द में राहत के लिए मरीज को पेन किलर देना खतरनाक साबित हो सकता है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएसएस) ने गाइडलाइन जारी कर डॉक्टरों को सलाह दी है कि क्रोनिक पेन यानी पुराने दर्द की स्थिति मे पेनकिलर वाली दवाइयां रोगियों को न लिखें।

एनएसएस का कहना है कि पेनकिलर के रूप में इस्तेमाली की जाने वाली पैरासिटामोल या आइब्यूप्रोफेन दवाई दर्द से राहत दिलाती हो या नहीं हो लेकिन ये दवाइयां शरीर को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

एनएसएस ने अपने गाइडलाइन में कहा है कि इस बात के पुख्ता सबूत है कि ये दवाइयां शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें कहा है कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि पेनकिलर लेने से दर्द पर क्या असर पड़ता है।  

क्रोनिक पेन अपने आप में ऐसी स्थिति है जिसमें अन्य तरह के इलाज या इसमें निहित लक्षण से इसे समझा नहीं जा सकता है। डॉक्टर आमतौर पर क्रोनिक पेन उसे मानते हैं जो तीन से छह महीने से हो रहा हो और वह पूरी तरह से सही न हो रहा हो। यानी छह महीने से पुराने दर्द को क्रोनिक पेन कहा जाता है। ऐसे दर्द का इलाज करना दवाई से मुश्किल है और भावनात्मक रूप से दुखी होना कार्यात्मक अपंगता इसकी विशेषता है।

क्या करें:
एनएसएस ने सलाह दी है कि क्रोनिक पेन की स्थिति में पेनकिलर लेने से बेहतर से है नियमित एक्सरसाइज करें। अगर दर्द ज्यादा है तो नियमित रूप से फिजियोथेरेपिस्ट की निगरानी में कुछ दिनों तक फिजियो करें। 

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शुभकामनाएंं

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