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मुंबई के बाद पुणे से भी हजारों मजदूरों का पलायन शुरू, रेलवे स्टेशन पर उमड़ा सैलाब

कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपने चपेट में ले लिया है। ऐसे में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक बार फिर से प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं, जिसकी वजह से अब...

मुंबई के बाद पुणे से भी हजारों मजदूरों का पलायन शुरू, रेलवे स्टेशन पर उमड़ा सैलाब
हिन्दुस्तान टीम,पुणेWed, 14 Apr 2021 05:49 PM
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कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपने चपेट में ले लिया है। ऐसे में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच एक बार फिर से प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं, जिसकी वजह से अब ट्रेनों में भी भीड़ देखी जा रही है। कोविड-19 के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार द्वारा सार्वजनिक आवागमन पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के एक दिन बाद बुधवार को पुणे छोड़कर वापस अपने घरों को लौटने के लिए प्रवासियों की भीड़ से रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड भर गए। हालांकि इस बीच मध्य रेलवे ने लोगों से परेशान नहीं होने और रेलवे स्टेशन पर भीड़ नहीं लगाने की अपील की है। 

जैसे ही मंगलवार शाम को सीएम ठाकरे द्वारा की गई अपील राज्य में लोगों तक पहुंची, वैसे ही प्रवासी श्रमिक पुणे रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा होने लगे। इनमें से कई लोग उत्तर प्रदेश के लिए रात 9 बजे रवाना होने वाली ट्रेन का टिकट पाने के लिए परेशान दिखाई दिए।

हालांकि अपने संबोधन में श्रमिकों से अपील करते हुए सीएम ठाकरे ने कहा, “ये प्रतिबंध जीवन बचाने के उद्देश्य से हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सरकार का समर्थन करें।”

अपने मूल स्थानों पर वापस लौटने वालों में पुणे जिले में उद्योग जगत में काम करने वाले लोग, होटल के कर्मचारी और रियल एस्टेट साइटों पर काम करने वाले मजदूर शामिल थे। हालांकि सरकार ने उद्योगों और इन-सीटू निर्माण स्थलों को संचालित करने की अनुमति दी हुई है।

गुड़ी पड़वा के कारण मंगलवार को रहे सार्वजनिक अवकाश के साथ ही डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती के कारण बुधवार को भी छुट्टी रही, ऐसे में पुणे स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग ट्रेन पकड़ने के लिए पहुंचे। इस बीच पुलिस बल और स्टेशन के अधिकारियों को भीड़ को समझाने और रोकने में काफी समय लगा, क्योंकि लोग बिना एडवांस बुकिंग के ही वापस जाने के लिए बेताब थे।

जैसे ही श्रमिकों ने शहर छोड़ना शुरू किया, महाराष्ट्र के श्रम मंत्री हसन मुशरीफ ने श्रमिकों से न घबराने की अपील की और कहा कि महाराष्ट्र सरकार श्रमिकों के लिए सारी व्यवस्था करेगी। मुशरीफ ने कहा, “भले ही सरकार लॉकडाउन लगाने की योजना बना रही है, लेकिन यह सिर्फ दो सप्ताह का होगा। सरकार इस दौरान श्रमिकों के लिए व्यवस्था करने की योजना भी बना रही है। मैं सभी श्रमिकों से अपील करता हूं कि वे महाराष्ट्र न छोड़े, उन्होंने राज्य के विकास में एक बड़ा और महत्वपूर्ण योगदान किया है।"

पुणे रेलवे स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "जिन श्रमिकों के पास कंफर्म टिकट थे, उन्हें स्टेशन के अंदर प्रवेश की अनुमति दी गई थी, जबकि बाकी लोग वापस भेज दिए गए थे।"

लखनऊ जाने के लिए ट्रेन पकड़ने आए एक श्रमिक जिसे स्टेशन के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी, उसने कहा, “मेरे साथी को कंफर्म टिकट मिल गई, लेकिन मुझे टिकट नहीं मिल सकी, इसलिए मैं फिलहाल कुछ दिनों के लिए शहर में ही रहूंगा और फिर वापस चला जाऊंगा।”

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को राज्य में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर लगाम लगाने के लिए पूरे राज्य में धारा-144 की घोषणा की। राज्य सरकार ने हालात पर गौर करते हुए 14 अप्रैल रात आठ बजे से 15 दिनों का राज्यव्यापी कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है।  

सीएम ठाकरे ने राज्य के लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार की रात आठ बजे से कर्फ्यू शुरू होगा और हालांकि आवश्यक सेवाओं को इसमें छूट दी गई है। ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन की तरह पाबंदियां लागू रहने तक आपराधिक दंड प्रक्रिया की धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू रहेगी।हालांकि, उन्होंने नई पाबंदियों को लॉकडाउन नहीं कहा।

इससे पहले महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 60,212 नये मामले सामने आए और 281 लोगों की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि नये मामलों के सामने आने के साथ राज्य में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 35,19,208 हो गई, जबकि अब तक कुल 58,526 लोगों की महामारी से मौत हो चुकी है। 

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