नाबालिग से रेप के आरोपी आसाराम बापू को जोधपुर की एक अदालत ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जैसे ही कोर्ट ने आसाराम की सजा का ऐलान किया, अपनी सजा सुन आसाराम कोर्ट में ही रो पड़ा। इस केस के दो और दोषियों शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका), शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को अदालत ने 20-20 साल की सजा सुनाई है।
इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को बरी कर दिया था। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था।
कोर्ट रूम में भी था बेचैन :
कोर्ट रूम में जब आसाराम के ऊपर सुनवाई की जा रही थी उस वक्त आसाराम के चेहरे पर बहुत बेचैनी थी। फैसले से पहले उसका चेहरा उतरा हुआ था। उस वक्त घबाराहट में वो लगातार बस राम नाम और हरिओम का जाप कर रहा था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आसाराम करीब डेढ़ घंटे तक शिवा उर्फ सवाराम के कंधे पर हाथ रखकर खड़ा ही रहा था।
15 अगस्त 2013 का था रेप केस :
इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में अध्ययन करती थी। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे 15 अगस्त, 2013 को रेप किया था।
आसाराम को उम्र कैद और बाकी दो दोषियों को 20-20 साल की सजा