INS Kavaratti: आज नौसेना के बेड़े में शामिल होगा INS कवरत्ती, जानें 'मेड इन इंडिया' जंगी जहाज की खासियतें
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती को आज यानी गुरुवार को नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे। पोत को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल...
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती को आज यानी गुरुवार को नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे। पोत को भारतीय नौसेना के संगठन डायरेक्टॉरेट ऑफ नेवल डीजाइन (डीएनडी) ने डिजाइन किया है और इसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया है। आत्मनिर्भरर भारत की दिशा में यह एक अहम कदम है। आईएनएस कवरत्ती के शामिल होने से नौसेना की ताकत में और भी अधिक इजाफा होगा।
नौसेना अधिकारियों ने बताया कि आईएनएस कवरत्ती में अत्याधुनिक हथियार प्रणाली है और ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने और उनका पीछा करने में सक्षम हैं। पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता के अलावा, पोत को एक विश्वसनीय सेल्फ डिफेंस क्षमता से भी लैस किया गया है और यह लंबी दूरी के अभियानों के लिए बेहतरीन मजबूती भी रखता है। यह प्रोजेक्ट-28 के तहत स्वदेश में निर्मित चार पनडुब्बी रोधी जंगी स्टील्थ पोत में से आखिरी जहाज है। तीन युद्धपोत इससे पहले ही भारतीय नेवी को सौंपे जा चुके हैं।
Indian Army Chief General MM Naravane to commission the last of four indigenously built Anti-Submarine Warfare (ASW) stealth corvettes INS Kavaratti (in file photo) under Project 28 in Vishakhapatnam tomorrow. pic.twitter.com/eUc1VhLxOF
— ANI (@ANI) October 21, 2020
आज इसे विशाखापट्टनम में कमीशन्ड किया जाएगा। इस जंगी जहात की खास बात है कि इसमें 90 फीसदी देसी उपकरण हैं और इसके सुपरस्ट्रक्चर के लिए कार्बन कंपोजिट का उपयोग किया गया है, जो भारतीय पोत निर्माण के इतिहास में बड़ी सफलता है। यह समारोह आज विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में होगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आईएनएस कवरत्ती का नाम 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तानी गुलामी से मुक्ति दिलाने वाले युद्ध में अपने अभियानों के जरिये अहम भूमिका निभाने वाले युद्धपोत आईएनएस कवरत्ती के नाम पर मिला है। भूतपूर्व आईएनएस कावारत्ती अरनल क्लास मिसाइल युद्धपोत था।