केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हजारों लोग अब भी सुरक्षित निकाले जाने की आस लगाए हुए हैं। राज्य में बाढ़ से अब तक मरने वालों की संख्या 357 पहुंच गई है।
अलप्पुझा, त्रिशूर और एर्णाकुलम जिलों के कई इलाकों में अब भी कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं जहां उनके पास भोजन और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इडुक्की जिले में सबसे ज्यादा लोगों के मरने की खबरें आईं हैं जहां अब तक 43 लोग अपनी जान गंवा चुके है।
मलप्पुरम में 28 और त्रिशूर में 27 लोगों की मौत की खबर आई है।
राजस्व अधिकारियों के मुताबिक अलप्पुझा जिले के चेंगानुर में कम से कम 5,000 लोग फंसे हुए हैं।
राज्य भर के राहत शिविरों में करीब छह लाख लोग मौजूद हैं।
पतनमत्तिटा जिले के रन्नी में राहत शिविर में मौजूद एक महिला ने कहा, “यह हमारे लिए दूसरा जन्म है। पिछले चार दिनों में हमारे पास कोई खाना नहीं है और चारों तरफ गले तक पानी भरा हुआ था।”
एर्णाकुलम के परावुर में छह लोगों के मारे जाने की खबर आई जहां बुधवार रात चर्च का एक हिस्सा गिर गया था।
जीवित बचाए गए एक व्यक्ति ने गुस्सा जाहिर करते हुए एक टीवी चैनल को बताया कि कम से कम 600 लोग चर्च में फंसे हुए हैं और अब तक कोई भी उनकी मदद को नहीं पहुंचा है।
हालांकि चर्च में छह लोगों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार ने बताया कि त्रिशूर जिले में करीब दो लाख लोग राहत शिविर में हैं।
कुछ राहत देते हुए कोच्चि नेवल हवाईअड्डा कल से यात्री विमानों का परिचालन शुरू करेगा।
रेलवे ने कम से कम 18 ट्रेनें रद्द कर दी हैं और आज कन्याकुमारी-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस को दूसरे मार्ग पर मोड़ दिया है।
केरल बाढ़ः 'ऑपरेशन वॉटर बेबी' से सेना ने नवजात शिशु और परिवार को बचाया
केरल बाढ़ः मरने वालों की संख्या बढ़कर 357 हुई, भारी बारिश के बीच बचाव कार्य जारी
ऐप पर पढ़ें