न्यूनतम आय योजना (न्याय) और स्वास्थ्य के अधिकार के चुनावी वादे के बाद कांग्रेस अब घोषणापत्र में दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज के लिए कुछ बड़ी घोषणाओं की तैयारी में है। इनमें न्यायपालिका, खासकर ऊपरी अदालतों में इन वर्गों के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का वादा प्रमुख हो सकता है।
बैठक में गौर किया
सूत्रों के मुताबिक, गत 26 मार्च को पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में 'न्याय' को हरी झंडी देने के साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्गों के संदर्भ में कई बिंदुओं एवं सुझावों पर गौर किया गया जिनमें से कई को स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति की ओर से तैयार घोषणापत्र के मसौदे को मंजूरी दी गई। अगले कुछ दिनों के भीतर पार्टी अपना घोषणापत्र जारी कर सकती है।
पूरी संभावना
बैठक में मौजूद रहे पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार एजेंसी को बताया, सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस सुझाव पर सहमति बनी कि न्यायपालिका और खासतौर पर ऊपरी अदालतों में अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होना चाहिए। पूरी संभावना है कि घोषणापत्र में इसे जगह मिले।
PM मोदी ने बताया, आखिर क्यों बालाकोट पर ही हमले का फैसला लिया गया
राहुल ने दिलाया भरोसा, कांग्रेस गरीबी पर करेगी 'सर्जिकल स्ट्राइक'