ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशकोरोना संकट में बढ़े सरकारी स्कूलों की तरफ रुझान, अभिभावकों के पास बढ़े स्मार्टफोन

कोरोना संकट में बढ़े सरकारी स्कूलों की तरफ रुझान, अभिभावकों के पास बढ़े स्मार्टफोन

कोरोना संकट के दौर में उत्पन्न हुई आर्थिक असुरक्षा और पलायन ने शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। पहली बार यह देखा गया कि बच्चे निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले रहे...

कोरोना संकट में बढ़े सरकारी स्कूलों की तरफ रुझान, अभिभावकों के पास बढ़े स्मार्टफोन
मदन जैड़ा, हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Thu, 29 Oct 2020 06:42 AM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना संकट के दौर में उत्पन्न हुई आर्थिक असुरक्षा और पलायन ने शिक्षा क्षेत्र में भी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। पहली बार यह देखा गया कि बच्चे निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं। इतना ही नहीं कोरोना संकट के चलते ग्रामीण भारत में पांच फीसदी से ज्यादा बच्चे स्कूलों में एडमिशन लेने से भी वंचित रह गए। गैर सरकारी संगठन प्रथम की असर-2020 रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

असर ने यह सर्वे सितंबर में किया। तब स्कूलों के बंदी के छह महीने पूरे हो चुके थे। इस दौरान 52227 घरों में फोन के जरिये सर्वेक्षण किया गया और यह जानने की कोशिश की गई कि ग्रामीण भारत में कैसे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों में बच्चों का प्रवेश बढ़ा है। सितंबर 2020 में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लड़कों का प्रतिशत 66.4 फीसदी था जबकि सितंबर 2018 की असर रिपोर्ट में यह 62.8 फीसदी था। इसी प्रकार लड़कियों का प्रवेश 70 से बढ़कर 73 फीसदी हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार इसकी दो वजह हो सकती हैं। एक रोजगार खोने की वजह से उत्पन्न हुई आर्थिक असुरक्षा के कारण अभिभावकों ने सरकारी स्कूलों का रुख किया। दूसरा श्रमिकों के शहरों से गावों में लौटने के कारण बच्चों ने गांवों के सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया।

सर्वेक्षण के दौरान 80 फीसदी बच्चों के पास उनकी कक्षा के हिसाब से किताबें मौजूद थी। लेकिन 20 फीसदी छात्रों के पास किताबें उपलब्ध नहीं होना भी चिंताजनक है। जो संभवत कोरोना संकट के चलते नहीं खरीद पाए। या सामान्य स्थिति में उन्हें स्कूलों से मिल सकती थी।

अभिभावकों के पास स्मार्टफोन बढ़े
कोरोना काल में ग्रामीण भारत में लोगों के पास स्मार्टफोन की उपलब्धता ने पठन-पाठन की राह आसान की। 2018 में 36.5 फीसदी अभिभावकों के पास स्मार्टफोन थे। जबकि सितंबर 2020 में हुए सर्वे में यह प्रतिशत 61.8 फीसदी तक पहुंच गया। हालांकि निजी स्कूलों के 74.2 फीसदी और सरकारी स्कूलों के 56.4 फीसदी बच्चों को स्मार्टफोन की उपलब्धता थी।

कैसे की पढ़ाई
कोरोना काल में तकनीक भी पढ़ाई में कारगर बनी। 59.7 फीसदी बच्चों ने किताबों से, 35.3 फीसदी ने वर्क शीट से, 19.6 ने टीवी से, 2.7 ने रेडियो से 21.5 ने वीडियो रिकार्डिंग से तथा 11 फीसदी ने आनलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य को अंजाम दिया। 75 फीसदी बच्चों को घर में उनके परिजनों ने शिक्षण में मदद प्रदान की।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें