बाबरी केस फैसला : दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बढ़ाई सुरक्षा, चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि बुधवार को आए 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में कड़ी निगरानी रख रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस विषय में जानकारी...

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बाबरी केस फैसला : दिल्ली पुलिस ने राजधानी में बढ़ाई सुरक्षा, चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी
Praveen Sharma नई दिल्ली। भाषा
Wed, 30 Sep 2020 1:30 PM

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि बुधवार को आए 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में कड़ी निगरानी रख रही है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस विषय में जानकारी देते हुए कहा कि हम शहर भर में सुरक्षा की दृष्टि से हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। सभी लोगों से न्यायालय के फैसले का सम्मान करने और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। 

गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 06 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था। हालांकि, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग-अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके।

कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भी इस मामले के आरोपियों में शामिल थे। मामले के कुल 49 अभियुक्त थे, जिनमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है। 

इस मामले में पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकुष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डा. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दूबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी थे।

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