अब एक खाते पर एक ही टीबी मरीज के पुष्टाहार के पैसे का होगा भुगतान

अब एक खाते पर सिर्फ एक ही टीबी मरीज के पुष्टहार की धनराशि का भुगतान होगा। मरीज का अपना खाता न होने पर रिश्तेदारों का खाता देने के लिए मरीज से एक सहमति पत्र लिया जाएगा। घर में किसी का भी खाता न होने...

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अब एक खाते पर एक ही टीबी मरीज के पुष्टाहार के पैसे का होगा भुगतान
Amit अंजलि पाठक , गाजियाबाद
Sun, 15 Sep 2019 1:44 PM

अब एक खाते पर सिर्फ एक ही टीबी मरीज के पुष्टहार की धनराशि का भुगतान होगा। मरीज का अपना खाता न होने पर रिश्तेदारों का खाता देने के लिए मरीज से एक सहमति पत्र लिया जाएगा। घर में किसी का भी खाता न होने पर निक्षय पोषण योजना डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए उसका नया खाता खुलवाया जा सकेगा। ये नए दिशा-निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी कर दिए गए हैं। यही दिशा-निर्देश पूरे देश में लागू होंगे। नए दिशा-निर्देशों के तहत लाभार्थियों के सभी वैध दस्तावेजों का सत्यापन करना जरूरी होगा। मरीज के खातों को आधार से भी जोड़ने पर विचार किया जा रहा है।  
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी इस पत्र में बताया गया है कि टीबी मरीजों के पुष्टाहार की पांच सौ रूपये की धनराशि उन तक पहुंचाने वाले निक्षय पोर्टल को पहले से ज्यादा सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके तहत नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत ही अब निक्षय पोषण योजना (डीबीटी) पर काम होगा। जिसमें एक रोगी को एक ही खाते पर भुगतान किया जाएगा। खाता न होने पर रिश्तेदारों का खाता सहमति पत्र देने के बाद ही पोर्टल से जोड़ा जाएगा। अगर टीबी मरीज के घर में किसी का भी बैंक खाता नहीं है तो निक्षय पोषण योजना (डीबीटी) के लिए उसका नया खाता खुलवाया जा सकेगा। लाभार्थियों से उनके वैध दस्तावेज ही लिए जाएंगे और सभी का सत्यापन होगा। मरीजों के खातों को आधार कार्ड से भी जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। अब निक्षय पोर्टल पर हर स्तर से निगरानी भी की जाएगी। डॉ. जेपी श्रीवास्तव,जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि नए दिशा-निर्देश का पत्र आ गया है। ये पहले से ज्यादा सुरक्षित है।

सभी भुगतान निक्षय के जरिए ही होंगे
मंत्रालय की ओर से जारी नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी टीबी मरीजों के भुगतान सिर्फ निक्षय पोर्टल पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिए ही होंगे। इसके बाहर से किसी का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने जिला क्षय रोग अधिकारी को मौजूदा लाभार्थियों के बैंक खातों को अपडेट करने का आदेश भी दिया है। अधिसूचित रोगियों का भुगतान सिर्फ निक्षय के जरिए ही होगा। 


उपयोगकर्ता ही कर सकेगा इस्तेमाल
इसके तहत हर टीबी यूनिट पर जिला क्षय रोग अधिकारी की ओर से एक उपयोगकर्ता नामित किया जाएगा। उपयोगकर्ता ही निक्षय पोर्टल पर काम कर सकेगा। उसके अलावा कोई अन्य उसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकेगा। पोर्टल से जुड़ी हर प्रक्रिया के लिए उपयोगकर्ता ही जिम्मेदार होगा। उपयोगकर्ता में कोई भी बदलाव जिला क्षय रोग अधिकारी के ही स्तर किए जाएंगे।

कब क्या हुआ
-आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 26 अगस्त को मरीजों की आहार योजना में घपला खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि टीबी मरीजों को पुष्टाहार के लिए प्रति माह पांच सौ रूपये की धनराशि के लिए निक्षय पोषण योजना के पोर्टल डीबीटी के आधार कार्ड से जुड़ा न होने के कारण कुछ मरीजों ने एक जिले में नाम दर्ज होने के बावजूद प्रदेश के अन्य जिलों में जाकर अपना नाम दर्ज करा लिया और वहां से भी इस धनराशि का फायदा उठाया। यही नहीं कई आला अधिकारियों ने भी अपने रिश्तेदारों के अलग-अलग खातों में इन रूपयों को विभिन्न नामों से भेजा है। 
-27 अगस्त को ऑल इंडिया टीबी कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन ने अधिकारियों और चिकित्सकों पर अपने रिश्तेदारों के खातों में धनराशि को डालने का आरोप लगाया। इसी दिन से इस मामले पर जांच राज्य टीबी अधिकारी की ओर से शुरू कर दी गई थी
-28 अगस्त को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जांच शुरू कर दी गई। शुरुआती जांच में गड़बड़ियां सामने आईं।
-28 अगस्त को ऑल इंडिया टीबी कंट्रोल एंप्लाइज एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव समेत कई आला अधिकारियों के सामने इस मामले को उठाया।
-29 अगस्त को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के विशेष सचिव और महानिदेशक संजीवा कुमार ने निक्षय पोर्टल (डीबीटी) को सुरक्षित बनाने तक टीबी मरीजों के भुगतान पर पूरे देश में रोक लगा दी। तब से मरीजों का भुगतान नहीं हुआ।
-12  सितंबर को इस मामले की जांच शासन की ओर से नोडल अधिकारी को सौंप दी गई।

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