65वी जनपद एथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को रेस में कागज के चेस्ट नंबर दिए गए। खिलाड़ी इन्हें अपने चेस्ट पर लगा कर भाग रहे थे। दौड़ते समय कागज फटने लगा तो खिलाड़ी उनको अपने हाथ में लेकर भागे। चेस्ट नंबर कपड़े का या प्लास्टिक का होता है। इससे खिलाड़ियों को भागने में दिक्कत नहीं होती कि वह अपना चेस्ट नंबर देखें या फिर भागे। चेस्ट नम्बर का ध्यान रखने के कारण खिलाड़ियों की बेस्ट टाइमिंग खराब हो गई। ऊंची कूद में खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। प्रैक्टिस की कमी साफ नजर आई। जंपिग प्लेस पर लगे गद्दे बार बार सरक जा रहे थे। इस से खिलाड़ी चोटिल होटे होटे बचे।