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दावा: झांसी मण्डल में 78 फीसदी ट्रेनें समय पर

झांसी आने वाली चुनिंदा गाड़ियों को छोड़कर अन्य लम्बी दूरी से आने वाले गाड़ियों का बुरा हाल है। गतिमान एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दूरंतो, राजधानी एक्सप्रेस को छोड़ दिया जाये तो अधिकांश ट्रेनों अपने...

दावा: झांसी मण्डल में 78 फीसदी ट्रेनें समय पर
हिन्दुस्तान टीम,झांसीFri, 08 Jun 2018 09:52 PM
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झांसी आने वाली चुनिंदा गाड़ियों को छोड़कर अन्य लम्बी दूरी से आने वाले गाड़ियों का बुरा हाल है। गतिमान एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दूरंतो, राजधानी एक्सप्रेस को छोड़ दिया जाये तो अधिकांश ट्रेनों अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही है। गुरुवार गोरखपुर से सिकंदराबाद जाने वाली टे्रन 21.30 घण्टे की देरी से झांसी पहुंची। सबसे बुरा हाल झांसी-लखनऊ रेलवे खण्ड की गाड़ियों का है। अधिकांश ट्रेनें घण्टों देरी से चल रही है। झांसी मण्डल से चलने वाली बरौनी मेल भी गुरुवार ग्वालियर से करीब 2 घण्टे की देरी से चलेगी। इससे जहां यात्री ट्रेन के इंतजार में घण्टों प्लेटफार्म पर फंसे रहते हैं। वहीं लाख कोशिशों के बावजूद ट्रेनों की टाइमिंग में सुधार होता नहीं दिख रहा।

ट्रेनों की लेटलतीफी पर रेलमंत्री पीयूष गोयल चाहे जितने भी दावे कर लें। रेलवे अधिकारियों का प्रमोशन रोकने का फरमान जारी कर दें, लेकिन ट्रेनों की लेटलतीफी खत्म होना मुश्किल है। तमाम प्रयासों के बावजूद भी झांसी मण्डल में ट्रेनों की लेटलतीफी जारी बनी हुई है। मण्डल रेलवे ने समयबद्धता को लेकर 78 फीसदी गाड़ियों के समय से संचालन का दावा कर रहा है। बावजूद इसके गाड़ियों के समय में सुधार नहीं हो पा रहा है। औसत गाड़ियां तीन से चार घंटे देरी से चल रही हैं। इसको लेकर हर रोज यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। झांसी मण्डल से चारों दिशाओं में गाड़ियों का संचालन होता है।

झांसी से औसतन 130 मेल/एक्सप्रेस गाड़ियां प्रतिदिन गुजरती है। दिल्ली से आने वाली गाड़ियों की टाईिमंग में काफी हद तक सुधार है। जबकि झांसी-लखनऊ रेल खण्ड से आने वाली गाड़ियों का बुरा हाल बना हुआ है। यह गाड़ी एक बार लेट होने के बाद लगातार उसकी लेट-लतीफी बढ़ती ही जाती है। परिचालन विभाग के अफसर कहते हैं कि झांसी मण्डल में अधिकांश गाड़ियां समय पर आने के बाद बहुत कम लेट होती है। जबकि पीछे से यदि झांसी मण्डल को गाड़ी लेट मिली है, तो इसमें उच्चस्तर तक सुधार कर पाना काफी मुश्किल होता है। फिर भी कुछ हद तक टाइमिंग पर सुधार लाया जा सकता है।

ये हैं ट्रेनों की टाईिमंग, सिंकदराबाद एक्सप्रेस 21.30 घण्टे लेट

गाड़ियों की लेटलतीफी का आलम यह है कि गुरुवार छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से चलकर फिरोजपुर की ओर जाने वाली पंजाब मेल जहां सबसे कम 40 मिनट की देरी से चल रही थी। वहीं गोरखपुर से चलकर सिंकदराबाद की ओर जाने वाली गोरखपुर एक्सप्रेस 21.30 घण्टे देरी से चल रही है। इसके अलावा तिरुपति से चलकर निजामुद्दीन की ओर जाने वाली तिरुपति एक्सप्रेस 2.40 घण्टे, भोपाल से चलकर लखनऊ की ओर जाने वाली भोपाल-लखनऊ एक्सप्रेस 4.30 घण्टे, ग्वालियर से चलकर बरौनी की ओर जाने वाली बरौनी मेल 2 घण्टे, पनवेल से चलकर गोरखपुर की ओर जाने वाली पनवेल एक्सप्रेस 2.50 घण्टे, गोरखपुर से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनस की ओर जाने वाली एलटीटी एक्सप्रेस 5.30 घण्टे, अटारी से चलकर जबलपुर की ओर जाने वाली 3 घण्टे व प्रतापगढ़ से चलकर एलटीटी जाने वाली ट्रेन 1 घण्टे की देरी से झांसी पहुंची।

पीआरओ बोले

जनसम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने दावा किया है कि झांसी मण्डल में 78 फीसदी गाड़ियां समय से चल रही है। उन्होंने झांसी आने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी पर कहा कि यह गाड़ियों उन्हे दूसरी मण्डलों से ही लेट मिल रही है। ऐसे में इन गाड़ियों को समय पर कैसे लाया जा सकता है? फिर भी कोशिश होती है कि लेट मिलने वाली गाड़ियों की टाइमिंग में भी सुधार लाया जाए। इसको लेकर प्रयास जारी है।

प्रतिदिन हो रही मॉनीटरिंग

गाड़ियों की समयबद्धता को लेकर प्रतिदिन मण्डल रेल प्रशासन के अफसर बैठक कर मॉनीटरिंग कर रहे हैं। गाड़ियों के लेट होने का कारण पूछा जाता है और समय से ट्रेनों के संचालन पर पूरा फोकस किया जा रहा है।

चेन पुलिंग रोकने पर सख्त आदेश

चेन पुलिंग के कारण प्लेटफार्म एवं सेक्शन में हो रही ट्रेनों की लेट-लतीफी पर लगाम कसने के लिये आरपीएफ को सख्त आदेश जारी किये हैं। इसको लेकर वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त रमेश चन्द्र के निर्देश पर थाना प्रभारी आरपीएफ पोस्ट ए के यादव पिछले एक सप्ताह से गाड़ियों की चेन पुलिंग करने वालों के खिलाफ अभियान छेड़े हुये हैं।

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