गुजरात मांगे ककराला फल पट्टी का अमरूद

बदायूं। हिन्दुस्तान संवाद

ककराला फल पट्टी के अमरूद की मांग दूसरे प्रदेश और देशों तक हैं। यहां के अमरूद की डिमांड नेपाल, गुजरात, दिल्ली, जयपुर, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, हैदराबाद से रहती हैं। इन दिनों अमरूद की फसल तैयार हो रही है। अगले महीने से बाहर के लिये अमरूद की सप्लाई शुरु हो जाएगी। यहां के उत्पादकों को थोक में 15 से 20 रुपये किलो अमरूद का भाव मिल जाता है। ऐसे में अधिकांश उत्पादक नेपाल के अलावा गैर प्रांत के लिये अमरूद भेजते हैं।

ककराला के अमरूद ने बदायूं की पहचान दूसरे देश एवं प्रदेशों तक दिलायी हैं। यहां साढ़े पांच हजार हेक्टेयर में अमरूद के बाग लगे हैं। इसी के चलते शासन ने वर्ष 2000 में ककराला को फलपट्टी घोषित किया था। वर्तमान में अमरूद के बाग उत्पादकों के लिये मुनाफे का जरिया बना रहे हैं। क्योंकि यहां के अमरूद की सप्लाई नेपाल, गुजरात, दिल्ली, जयपुर, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हैदराबाद के लिये होती है।

वर्तमान में अमरूद की फसल तैयार हो चुकी हैं, नवंबर से दूसरे देश और राज्यों के लिये अमरूद की ट्रक और डीसीएम जाना शुरू हो जायेगी। इसके लिये बाहर के व्यापारी ककराला के स्थानीय आढ़तियों से संपर्क करते हैं और इन्हीं के माध्यम से अमरूद खरीद करते हैं। स्थानीय आढ़तिये ही किसानों को पैमेंट करते हैं। बाहरी राज्यों में अमरूद की मांग अधिक होने पर थोक में 15 से 20 रुपये किलो का भाव मिल जाता है। इसमें ट्रांसपोर्ट का खर्च स्वयं व्यापारी उठाते हैं।

ककराला के अमरूद उत्पादक फिरोज खान ने बताया कि 35 बीघा में अमरूद का बाग लगा है। अमरूद आना शुरू हो गया है, अगले महीने से बाहर के लिये अमरूद सप्लाई शुरू हो जाएगी। बाहर भेजने में मुनाफा रहता है। अमरूद की फसल आय बढ़ोत्तरी का बढ़िया माध्यम बन गयी है।

मुजीब खां ने बताया कि ककराला के अमरूद का स्वाद ही अलग है। ऐसे में यहां के अमरूद की काफी डिमांड रहती है।

इन वैरायटियों के हैं बाग

ककराला क्षेत्र में वैसे तो कई प्रजातियों के अमरूद के बाग लगे हैं। मुख्यता किसान इलाहबादी सफेदा, लखनऊ-49, कायमगंजी प्रजाति के बाग तैयार किये हैं। इन प्रजातियों से उत्पादन बढ़िया मिलता है। फसल भी रोगजनित नहीं होती है।

उद्यान विभाग देता है बढ़ावा

उद्यान विभाग की ओर से अमरूद के बाग का रकबा बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इसके लिये विभाग की ओर से किसानों को अमरूद के पौधे उपलब्ध कराये जाते हैं। समय-समय पर स्प्रे के लिये दवाईयां भी उपलब्ध करायी जाती हैं।

ककराला अमरूद के लिये फलपट्टी घोषित हैं। यहां बड़े पैमाने पर अमरूद का उत्पादन होता है। अमरूद स्वादिष्ट हैं। ऐसे में इसकी मांग विदेशों तक रहती हैं।

सुनील कुमार, डीएचओ बदायूं

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