पीपीपी के तहत हो मेट्रो का निर्माण : कुमार केशव
निर्माण सप्ताह के अवसर पर मेट्रो रेल इंडिया वर्चुअल समिट पीपीपी के तहत हो मेट्रो का निर्माण : कुमार...
निर्माण सप्ताह के अवसर पर मेट्रो रेल इंडिया वर्चुअल समिटलखनऊ। प्रमुख संवाददातासाधारण वाहन वातावरण को तेजी के साथ प्रदूषित कर रहे हैं। ऐसे में हमे एक ऐसे माध्यम की आवश्यकता है जो न सिर्फ इनफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाए बल्कि प्रदूषित वातावरण को कम करने में भी योगदान दे। मेट्रो निर्माण के लिए लगभग 6 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता है। यह काफी अधिक है। सरकार पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा। ऐसे में पीपीपी साझेदारी को अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।यह बात यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने निर्माण सप्ताह के अवसर पर मेट्रो रेल इंडिया वर्चुअल समिट-2020 के 9वें संस्करण की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शहरों के लिए मेट्रो रेल यातायात महत्वपूर्ण माध्यम है। जिन शहरों का विस्तार और जनसख्या तेजी से बढ़ रही है वहां यह जरूरी हो गया है। इससे लोगों को सुगम यातायात की सुविधा मिलने के साथ बढ़ते वायु प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देते हुये स्थानीय स्तर पर बनने वाले उत्पादों और उपकरणों के संयोजन के लिए प्रोतसाहन की आवश्यकता है। ताकि बेहतर दक्षता के साथ परियोजना समय के साथ-साथ स्वदेशी रूप से नई तकनीकों का भी विकास हो सके। उन्होंने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के लिए रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग की एकीकृत निविदा के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की और कार्य को निर्धारित बजेट के अंदर तेजी से पूरा करने पर भी जोर दिया। इस वर्चुअल समिट में एमएमआरडी के निदेशक पीके मूर्थी, सीईओ और एमडी, मुंबई मेट्रो वन अभय मिश्रा, जेके इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड के मयंक जैन और वरिष्ठ वीपी एवं हैवी इक्विपमेंट बिजनेस यूनिट के प्रमुख संजय सक्सेना ने हिस्सा लिया।