रेलवे का निजीकरण हुआ तो चक्का जाम : मिश्र
शुक्रवार को नारदर्न रेलवे मेंस यूनियन व उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में आवाज बुलंद की। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने...
चेतावनी
रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में किया प्रदर्शन
बोले यूनियन नेता, सरकारी कर्मचारी हैं और रहेंगे
सुलतानपुर। निज संवाददता
शुक्रवार को नारदर्न रेलवे मेंस यूनियन व उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने रेलवे के निजीकरण के विरोध में आवाज बुलंद की। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने चेतावनी दी यदि सरकार निजीकरण पर अड़ी तो रेलवे का चक्का जाम किया जायेगा।
रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक पर हुए कार्यक्रम में दोपहर बाद शामिल हुए श्री मिश्र ने कहा कि रेल कर्मी सरकारी कर्मचारी हैं, सरकारी ही रहेंगे। उन्हें निगम का कर्मचारी बनना कतई मंजूर नहीं। इसके लिए चाहे जितना बड़ा आन्दोलन करना पड़ेगा, करेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने 100 दिन के अंदर उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण व निजीकरण का प्रस्ताव मांगा है। अब हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
इसके पहले मंडल मंत्री आरके पाण्डेय ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव के बाद पूरे देश में प्रदर्शन हुआ तो रेलवे बोर्ड के साथ मीटिंग की गई। आश्वासन मिला है कि यूनियन से वार्ता के बिना कोई कदम नहीं उठाया जायेगा। शाखा अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने पुरानी पेंशन, गेटमैनों की ड्यूटी आठ घंटे करने एवं जर्जर रेलवे कालोनियों का मुद्दा उठाया। उधर, उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन की ओर से भी सुबह प्रदर्शन कर रेलवे की इकाइयों के निजीकरण का विरोध किया गया।